उत्तर प्रदेश में निवेश और स्वरोजगार से युवाओं को मिली नई पहचान

दैनिक इंडिया न्यूज़ लखनऊ ।उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन की दिशा में अभूतपूर्व प्रगति हो रही है। अब तक 15 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्तावों को जमीनी धरातल पर उतारा जा चुका है, और 30 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों को जमीनी धरातल पर उतारने की प्रक्रिया चल रही है। इन निवेश प्रस्तावों के माध्यम से प्रदेश के एक करोड़ 62 लाख से अधिक युवाओं को उनके गांवों और जनपदों में नौकरी की सुविधा मिली है। यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार प्राप्त हुआ है।

प्रदेश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को आगे बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, एक जनपद एक उत्पाद योजना और विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश के 62 लाख युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया है। परिणामस्वरूप, प्रदेश की बेरोजगारी दर में तेजी से कमी आई है। वर्ष 2017 से पूर्व, उत्तर प्रदेश देश की छठी अर्थव्यवस्था माना जाता था, लेकिन आज यह प्रदेश देश की दूसरी सबसे बड़ी और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व, नियुक्ति के नाम पर पैसे वसूले जाते थे और उत्तर प्रदेश के युवाओं को बाहर जाकर हेय दृष्टि से देखा जाता था। लेकिन आज, राज्य के युवाओं को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है क्योंकि उनकी प्रतिभा का लोहा पूरी दुनिया मान रही है। इस पहचान को बनाए रखने के लिए पूरी ऊर्जा और ताकत लगाने की आवश्यकता है।

कृषि भूमि को गैर कृषि भूमि घोषित करने के लिए प्रदेश सरकार ने व्यवस्था बनाई है, जिसके अंतर्गत अधिकारियों को 45 दिनों के अंदर यह कार्य पूर्ण करना होगा। यदि अधिकारी समय पर कार्य नहीं करते हैं, तो यह कार्य स्वतः सम्पन्न मान लिया जाएगा। इसके बाद भी मामला लंबित रहने पर शासन स्तर पर जवाबदेही तय की जाएगी। आईजीआरएस में दर्ज मामलों की प्रत्येक 15 दिनों पर प्रदेश स्तर पर समीक्षा की जाती है और जनपद स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को मकान बनाने के लिए ग्राम समाज की जमीन का मालिकाना अधिकार ‘घरौनी’ के माध्यम से प्रदान करने के लिए बड़े स्तर पर कार्य चल रहा है। अब तक 63 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को यह सुविधा दी जा चुकी है और इस वर्ष के अंत तक एक करोड़ 25 लाख परिवारों को यह सुविधा प्रदान करने का लक्ष्य है। इससे गांव के जमीन संबंधित विवाद समाप्त हो सकेंगे।

कार्यक्रम में वित्त और संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया के अंतर्गत 7,720 लेखपालों का चयन हुआ है। इनकी नियुक्ति योग्यता और क्षमता के आधार पर हुई है। राजस्व सुधार के लिए भी कई कदम उठाए जा रहे हैं। इस अवसर पर मिशन रोजगार के संबंध में एक लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। कार्यक्रम में राजस्व परिषद के अध्यक्ष डॉ. रजनीश दुबे ने स्वागत उद्बोधन दिया और प्रमुख सचिव राजस्व श्री पी. गुरुप्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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