कल्याणकारी योजनाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विस्तार

सामाजिक क्षेत्र में एआई के प्रभाव पर विशेषज्ञों ने दिए सुझाव, पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने पर जोर

लखनऊ, दैनिक इंडिया न्यूज़: समाज कल्याण विभाग अपनी कल्याणकारी योजनाओं को अधिक पारदर्शी, प्रभावी और सुगम बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का व्यापक उपयोग करेगा। विभाग जल्द ही अनुदान, पेंशन और छात्रवृत्ति जैसी योजनाओं में एआई को शामिल करने के लिए एक नीति तैयार करेगा। इस संबंध में गुरुवार को गोमती नगर स्थित भागीदारी भवन में ‘सामाजिक क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की उपयोगिता’ विषय पर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला की अध्यक्षता समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने की। इस दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से सामाजिक योजनाओं में सुधार, डेटा की विश्वसनीयता, डिजिटल विभाजन को कम करने और सुरक्षा उपायों पर व्यापक चर्चा हुई।

एआई के सामाजिक क्षेत्र में संभावित उपयोग और लाभ

विशेषज्ञों ने बताया कि एआई तकनीक मशीनों को इंसानों की तरह सोचने, सीखने और निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करती है। यह कंप्यूटर सिस्टम या सॉफ्टवेयर को डेटा से सीखने, पैटर्न पहचानने और समस्याओं के त्वरित समाधान में सक्षम बनाता है।

कार्यशाला में निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों में एआई के उपयोग पर चर्चा हुई:

कल्याणकारी योजनाओं में पारदर्शिता: लाभार्थियों की सटीक पहचान कर योजनाओं का सुचारू संचालन।

वृद्धाश्रमों में वर्चुअल केयर: वरिष्ठ नागरिकों के लिए एआई आधारित हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम।

सुरक्षा उपाय: धोखाधड़ी रोकने के लिए बायोमेट्रिक पहचान और डेटा सुरक्षा।

डिजिटल विभाजन को कम करना: ग्रामीण क्षेत्रों में भी एआई आधारित योजनाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: उत्तर प्रदेश सरकार ने एआई सक्षम आईसीयू और उन्नत चिकित्सा उपकरणों का पायलट प्रोजेक्ट पहले ही शुरू किया है, जिससे गंभीर मरीजों की निगरानी और उपचार में सुधार हो रहा है।

राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अध्यक्ष ने की सराहना

कार्यशाला में राष्ट्रीय सनातन महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा अध्यक्ष संस्कृतभारतीन्यास अवधप्रांत के जितेंद्र प्रताप सिंह को भी प्रतिभाग करने का अवसर मिला। उन्होंने मंत्री असीम अरुण का आभार व्यक्त करते हुए इस पहल की सराहना की और इसे समाज के समग्र विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि एआई के माध्यम से योजनाओं की पारदर्शिता और प्रभावशीलता बढ़ेगी, जिससे समाज के हर वर्ग को लाभ मिलेगा।

भुगतान में देरी की समस्या पर मंत्री ने दिए निर्देश

कार्यशाला में निजी कंपनियों द्वारा भुगतान में देरी की समस्या भी सामने आई, जिससे प्रोजेक्ट की लागत बढ़ जाती है। इस पर मंत्री असीम अरुण ने गंभीरता दिखाते हुए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए।

‘स्मार्ट गवर्नेंस’ पुस्तक का विमोचन

इस अवसर पर सत्येंद्र त्रिपाठी की पुस्तक ‘स्मार्ट गवर्नेंस’ का विमोचन भी किया गया, जिसमें एआई और डिजिटल गवर्नेंस के महत्व पर प्रकाश डाला गया है।

कार्यशाला में आईआईटी रुड़की के ऋषिकेश पांडेय, प्रमुख सचिव आईटी-इलेक्ट्रॉनिक्स अनुराग यादव, टीसीएस के अमिताभ, सुधा श्रीनिवास, विधायक इंजीनियर सचिन यादव, एमएलसी अविनाश सहित कई विशेषज्ञों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

एआई के माध्यम से कल्याणकारी योजनाओं को नई गति

समाज कल्याण विभाग के इस निर्णय को एक क्रांतिकारी पहल माना जा रहा है, जिससे योजनाओं का क्रियान्वयन और अधिक पारदर्शी एवं प्रभावी होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि एआई के समावेश से सरकारी योजनाओं का दायरा और उनकी पहुंच बढ़ेगी, जिससे समाज के सभी वर्गों को लाभ मिलेगा।

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