
“नाटक नहीं आंदोलन था ये मंचन, लखनऊ में गूंजा देशभक्ति का जयघोष”

दैनिक इंडिया न्यूज़,लखनऊ, 3 जुलाई। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी और रंग संस्था ‘दस्तक’ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित प्रस्तुतिपरक नाट्य कार्यशाला की समापन प्रस्तुति के रूप में “बड़े आ से आज़ादी” नाटक का मंचन गोमती नगर स्थित संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह में किया गया। इस नाटक का निर्देशन शुभम तिवारी ने किया। प्रस्तुति के दौरान दर्शकों को स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों के बलिदान और साहस की जीवंत झलक देखने को मिली, जिसने उपस्थित जनसमूह को गहराई तक भावविभोर कर दिया।

मुख्य अतिथि के रूप में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण तथा बाट-माप विभाग के प्रमुख सचिव आईएएस रणवीर प्रसाद और विशिष्ट अतिथि के रूप में आयुष एवं खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव आईएएस रंजन कुमार उपस्थित रहे। दीप प्रज्वलन के उपरांत अकादमी के अध्यक्ष प्रो. जयंत खोत, उपाध्यक्ष डॉ विभा सिंह एवं निदेशक डॉ. शोभित कुमार नाहर ने सभी अतिथियों और निर्देशक का पुष्प, अंगवस्त्र एवं पौध भेंट कर स्वागत किया।
मुख्य अतिथि ने अपने वक्तव्य में अकादमी द्वारा प्रदेश के दूरस्थ अंचलों में रंगकला के प्रसार के प्रयासों की सराहना की, वहीं अध्यक्ष प्रो. खोत ने अकादमी की 75 जनपदों में संचालित गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया।
“बड़े आ से आज़ादी” नाटक काकोरी एक्शन प्लान पर आधारित था, जिसमें हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के क्रांतिकारियों द्वारा 9 अगस्त 1925 को की गई ट्रेन डकैती की ऐतिहासिक घटना को मंचित किया गया। यह प्रस्तुति केवल एक नाटक नहीं, बल्कि एक सजीव इतिहास पाठ की तरह थी, जिसने आज़ादी के संघर्ष की गूंज पुनः जीवित कर दी।
प्रमुख भूमिकाओं में आशीष यादव ने रामप्रसाद बिस्मिल, मोहम्मद तालिब ने अशफाक उल्ला खां, राहुल सचान ने चंद्रशेखर आज़ाद, किशन कुमार वर्मा ने राजेंद्र नाथ लाहिड़ी, कृष्णा तिवारी ने गणेश शंकर विद्यार्थी, सतेंद्र कुमार ने भगत सिंह, शुभ गुप्ता ने राम दुलारे त्रिवेदी और आदित्य गुप्ता ने प्रेम कृष्ण खन्ना की भूमिकाएं निभाकर दर्शकों से सराहना प्राप्त की। सूत्रधार की भूमिका में रोली सिंह, अंजू उप्रेती, अर्चना, अनामिका सिंह और अल्पन सहित कई कलाकारों ने भावपूर्ण अभिनय किया। महिला क्रांतिकारियों के किरदारों में मिहिका श्रीवास्तव, गार्गी गौतम, कंचन तिवारी, अनुजा, संतोषी, दीपा पांडेय और इक़रा ने उल्लेखनीय प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम का संचालन जया श्रीवास्तव ने किया। नाटक के उपरांत कार्यशाला में सम्मिलित विभिन्न विधाओं—फोटोग्राफी, उद्घोषण, नाटक, कथक, उपशास्त्रीय गायन, तबला वादन, लोक गायन आदि—में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इसके अतिरिक्त कार्यशाला में तैयार की गई फोटोग्राफ्स की प्रदर्शनी भी दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रही।
इस अवसर पर वरिष्ठ रंगकर्मी डॉ. अनिल रस्तोगी, पोस्ट मास्टर जनरल कर्नल विनोद, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम, संस्कृति निदेशालय के निदेशक आईएएस विशाल सिंह, संस्कृति विभाग के विशेष सचिव आईएएस संजय कुमार सिंह और दस्तक संस्था की सचिव वीना राणा सहित कई अन्य गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे।