दैनिक इंडिया न्यूज,14अप्रैल 2024 लखनऊ। इस बार के लोकसभा चुनाव में जिस तरह से टिकट बंटवारा हुआ यह भी नहीं देखा गया की जिसको टिकट दिया जा रहा है यह व्यक्ति इस सीट को डिजर्व कर रहा है या नहीं। प्रदेश की तहसील और थानों में जिस तरह लोगों के साथ उपद्रव हो रहा है, पुलिस का जवान हर रोज कोई ना कोई आत्महत्या कर रहा है, घर से किसी कार्य हेतु लोग बाहर निकलते हैं घर नहीं पहुंच पाते। दो-तीन दिन पूरा हो जाने के बाद उनकी लावारिस लाश कहीं पड़ी मिलती है। लोगों में रोस बहुत ज्यादा है, जो टैक्स पेयर हैं उनको किसी तरह का लाभ नहीं मिलता उनके टैक्स के पैसों से निकम्मे लोगों की थाली में भोजन परोसा जा रहा है। पूर्व में कुछ जीते हुए एमपी हैं उनके अंदर अहंकार इतना ज्यादा है कि वे आने वाले इलेक्शन में अहंकार रूपी आग में जल जाएंगे। दूसरी तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हटाने की अफवाह से लोगों में अविश्वास है यदि मोदी जी जीत जाएंगे तो एमपी वाली हालत यूपी में ना हो जाए। अगर भाजपा संगठन तथ्यों पर ध्यान नहीं देगी तो 240 से 270 सीटों के बीच में सिमट जाएगी। बाकी सारी पार्टियों मे एक चौथाई नेता ऐसे हैं उनको थोड़ी सी लालच मिल जाए वे कहीं भी जा सकते हैं। भाजपा के लिए electroral बॉन्ड, covid वैक्सीन के साइड इफेक्ट लोगों के बीच में आना भी नुकसान का कारण बन सकता है। अभी आप सब को यही लगेगा कि मोदी जी ने 400 पार का नारा दिया है फिर ये 240 से 270 पर क्यों रूक रहे हैं क्योंकि यह जमीनी सर्वे है। व्यापारियों में जीएसटी को लेकर खौफ है पहले छोटे दुकानदार बैंकों में रिकरिंग डिपॉजिट किया करते थे नोटबंदी के बाद डिपाजिट करना तो दूर की बात है PL और क्रेडिट कार्ड लोन लेकर परिवार पालना शुरू कर दिए हैं।, सरकारी विभागों में प्राइवेटाइजेशन को लेकर डर है, रेलवे में डिपार्टमेंट को अडानी के हाथों बिकने का डर है, क्या यह डर मोदी जी निकल पाएंगे लोगों के अंदर से । राष्ट्रीय स्वयं संघ के स्वयंसेवकों के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं एक नकारात्मक विचारधारा चलती है उनको लगता है की संघी भाजपा की रोटी पर पलते हैं। आप विचार कीजिए।
2024-04-14