“रामराज्य की परिकल्पना को साकार होते देखना हर भारतीय के लिए गर्व का विषय-जितेन्द्र प्रताप सिंह”
दैनिक इंडिया न्यूज़,लखनऊ, 09 जनवरी 2025:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज प्रयागराज महाकुंभ नगर में ‘डिजिटल महाकुंभ एक्सपीरियंस सेंटर’ का शुभारंभ किया। उन्होंने इसे विश्व की प्राचीनतम संस्कृति को आधुनिक तकनीक के माध्यम से प्रदर्शित करने वाला एक अनूठा केंद्र बताया। यह सेंटर महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता को डिजिटल माध्यम से जीवंत करता है। मुख्यमंत्री ने सेंटर में वर्चुअल रियलिटी (वीआर) तकनीक के माध्यम से प्रदर्शित समुद्र मंथन की गाथा का अनुभव किया और इसकी प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “डिजिटल महाकुंभ एक्सपीरियंस सेंटर के माध्यम से भावी पीढ़ी प्राचीन भारत की झलक देख सकेगी और अपनी सांस्कृतिक जड़ों को महसूस कर पाएगी। यह न केवल युवाओं बल्कि हर श्रद्धालु के लिए आध्यात्मिक शांति और ऊर्जा का अनोखा अनुभव प्रदान करेगा। विदेशी पर्यटक भी यहां भारत की प्राचीनता और संस्कृति को महसूस करेंगे। यह प्रयास हमारी गौरवशाली परंपराओं को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का माध्यम बनेगा।”
डिजिटल सेंटर की विशेषताएं
यह सेंटर महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर-03 में 60,000 वर्ग फुट में 12 जोन में विभाजित है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), वर्चुअल रियलिटी (वीआर), ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर), होलोग्राम और एलईडी डिस्प्ले के माध्यम से यहां महाकुंभ की पौराणिक कथाएं, समुद्र मंथन, प्रयाग महात्म्य और त्रिवेणी संगम को डिजिटल रूप से प्रदर्शित किया गया है। श्रद्धालु यहां समुद्र मंथन और अन्य धार्मिक कथाओं का अनुभव कर सकेंगे। यह सेंटर आधुनिकतम तकनीक से युवाओं और विदेशी पर्यटकों को भारतीय संस्कृति से जोड़ने का एक अनूठा प्रयास है।
राष्ट्रीय सनातन महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री के इस प्रयास की सराहना करते हुए इसे रामराज्य की परिकल्पना का साकार रूप बताया। उन्होंने कहा, “महाकुंभ में ऐसा सुव्यवस्थित आयोजन और डिजिटल तकनीक का उपयोग, जो भारतीय सोच से परे था, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभव कर दिखाया। संतों का सम्मान और उनकी आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए महाकुंभ का विस्तार करना हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है। मुख्यमंत्री ने इस आयोजन को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में अभूतपूर्व कदम उठाए हैं।”
जितेंद्र प्रताप सिंह ने मीडिया से वार्ता करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री के इस महान कार्य से न केवल सनातन धर्म बल्कि भारत की सांस्कृतिक परंपराएं भी गौरवान्वित हो रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में महान संत पूर्ण प्रज्ञा जी को भी अवगत कराया गया है।
मुख्यमंत्री ने महाकुंभ नगर में संतों और अखाड़ों के प्रतिनिधियों से भेंट कर उनका कुशलक्षेम जाना। संतों ने मुख्यमंत्री का भगवा अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने इसे रामराज्य की भावना के अनुरूप संतों का सत्कार बताते हुए कहा कि संतों के आशीर्वाद से ही यह आयोजन दिव्यता और भव्यता प्राप्त कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने मेला प्राधिकरण और पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया कि महाकुंभ की परंपराओं और श्रद्धालुओं की सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। डिजिटल महाकुंभ एक्सपीरियंस सेंटर, महाकुंभ 2025 के ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास है।