धनञ्जय पाण्डेय दैनिक इंडिया न्यूज़ मधुबन,मऊ। तहसील क्षेत्र में समय से पहले तापमान में लगातार हो रही वृद्धि से गेहूं व सरसों की फसल के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। पिछले दो सप्ताह से अधिकतम तापमान 25 से 33 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहा है। अगर तापमान में इसी तरह वृद्धि होती रही तो गेहूं व सरसों की फसलों को नुकसान पहुंचाएगा। इसका प्रभाव उत्पादन पर पड़ेगा। किसान इस समय एक बारिश का इंतजार कर रहे हैं। अगर बारिश होती है तो यह दोनों ही फसलों के लिए फायदेमंद होगी। मौसम में अचानक से बदलाव आया है और पारा 32 डिग्री तक पहुंच गया है। मौसम में हुए इस बदलाव का प्रभाव फसलों पर पड़ सकता है। सबसे ज्यादा प्रभाव सरसों में विशेषकर पछेती बुआई की फसल पर पड़ सकता है। क्योंकि यह मौसम कीट के लिए बिल्कुल अनुकूल है। अगर कीट फसल के सपंर्क में आता है तो सरसों, मसूर व गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाएगा। इसके अलावा तापमान में बढ़ोत्तरी से गेहूं की फसल में दीमक व सरसों चेपा की गिरफ्त में आ सकती है और उत्पादन को प्रभावित कर सकती है। किसान लगातार
बदलते मौसम में गेहूं व सरसों फसल पर कीटों का प्रभाव न पड़े इसके लिए कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को फसलों की नियमित रूप से निगरानी करते रहने की सलाह भी दे रहे है, ताकि फसल में लगने वाले रोगों का समय पर नियंत्रण किया जा सके और नुकसान से बचा जा सके। ऐसे में सरसों व गेहूँ उत्पादक किसानों को विशेष ख्याल रखने की जरूरत है।
2023-02-22