प्रेम रंजन/डीडी इंडिया
आज रामकृष्ण मठ में
शारदीय नवरात्रि में महाष्टमी के पावन पर्व में माता की कृपा पाने के लिये हर साल भब्य आयोजन किया जाता है वैसे तो नवरात्रि नव दिनो तक माता की पूजा-अर्चना की जाती है लेकिन महाष्टमी का अद्भुत महात्म्य वर्णित है। आइये जानते हैं महाष्टमी के बारे में,शारदीय नवरात्रि में महाष्टमी व्रत या दुर्गा अष्टमी व्रत का विशेष महत्व होता है। जो लोग नवरात्रि के प्रारंभ वाले दिन व्रत रखते हैं, वे दुर्गा अष्टमी का भी व्रत रखते हैं। दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरुप की आराधना की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव को पाने के लिए कई वर्षों तक मां पार्वती ने कठोर तप किया था, जिससे उनके शरीर का रंग काला हो गया था। जब भगवान शिव उनकी तपस्या से प्रसन्न हुए तो उन्होंने उनको गौर वर्ण का वरदान भी दिया। इससे मां पार्वती महागौरी भी कहलाईं। महाष्टमी या दुर्गा अष्टमी को व्रत करने और मां महागौरी की आराधना करने से व्यक्ति को सुख, सौभाग्य और समृद्धि भी मिलती है। सब पाप भी नष्ट हो जाते हैं।