दैनिक इंडिया न्यूज़ ,लखनऊ, 11 अगस्त 2024 श्री शिव प्रसाद संस्कृत महाविद्यालय, लखनऊ के छात्रावासीय छात्रों को माननीय सदस्य विधान परिषद एवं सभापति, वित्तीय प्रशासकीय विलंब समिति श्री पवन सिंह चौहान द्वारा स्कूलबैग प्रदान किए गए। इस अवसर पर आयोजित एक समारोह में विद्यालय परिवार ने श्री चौहान को उनके इस उदार योगदान के लिए आभार व्यक्त किया।
समारोह के दौरान श्री पवन सिंह चौहान ने छात्रों को संबोधित करते हुए शिक्षा के महत्व पर जोर दिया और बताया कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सरकार और समाज मिलकर ही शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर परिणाम ला सकते हैं और इस दिशा में सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है।
श्री चौहान ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि हर बच्चे को आवश्यक शिक्षा संसाधन उपलब्ध हो, ताकि वे अपनी पढ़ाई में ध्यान केंद्रित कर सकें और भविष्य में सफलता प्राप्त कर सकें। स्कूलबैग जैसे छोटे लेकिन महत्वपूर्ण सहयोग से छात्रों की पढ़ाई में एक सकारात्मक योगदान देने की कोशिश की जा रही है।”
पवन सिंह चौहान के पुत्र, पीयूष सिंह चौहान ने भी संस्कृत भाषा के प्रति अपने पिता के समर्पण को साझा किया। उन्होंने बताया कि पवन सिंह चौहान संस्कृत भाषा की शिक्षा ले रहे विद्यार्थियों के लिए हमेशा सहायता प्रदान करते हैं और शिक्षा में उपयोग होने वाली वस्तुएं उपलब्ध कराने के लिए अवसर का इंतजार करते हैं। यह जानकारी शिव प्रसाद संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य, डॉ. विनोद मिश्रा ने दैनिक इंडिया न्यूज़ को दी।
प्रधानाचार्य डॉ. विनोद मिश्रा ने श्री चौहान की इस पहल की सराहना की और कहा, “हम श्री चौहान के इस समर्थन और उदारता के लिए आभारी हैं। इस प्रकार की मदद से न केवल बच्चों को आवश्यक सामग्री मिलती है, बल्कि उनका मनोबल भी ऊंचा होता है। हम आशा करते हैं कि इस प्रकार के सहयोग से छात्रों के भविष्य में सुधार होगा और वे समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम होंगे।”
समारोह में स्कूल बैग वितरित करने के साथ-साथ, श्री चौहान ने छात्रों को पढ़ाई के महत्व और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं और छात्रों ने श्री चौहान के प्रति अपना आभार व्यक्त किया और उनकी इस पहल को सराहा।
यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग और समर्थन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो अन्य सामाजिक और शैक्षिक संस्थानों के लिए प्रेरणास्त्रोत हो सकता है।