बाबा विश्वनाथ धाम(मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस) वाराणसी रेलवे स्टेशन पर हो रहा है बड़ा फर्जीवाड़ा

स्टेशन के विंडो से दिया जा रहा टीटी वाला टिकट, प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया को किया जा रहा है तार तार

टिकट की आंड़ में होता है जमकर खेल,ट्रेन छूटने के पांच मिनट बाद टिकट वापसी ना होने और दूसरा टिकट ना दिये जाने का दिखा असली चेहरा, रेल कर्मी किसकी सह पर करते हैं मनमानी

सुरेंद्र शर्मा/दैनिक इंडिया न्यूज

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी स्थानीय रेलवे स्टेशन पर बीते 28 अगस्त 2022 को कुछ लोगों ने वाराणसी से सूरत की यात्रा करने के लिए वाराणसी रेलवे स्टेशन स्थित टिकट खिड़की से खरीदे गए दो टिकट को ट्रेन छूटने के पांच मिनट बाद टिकट वापसी ना होने और दूसरा टिकट ना दिये जाने का मामला सामने आया है जहाँ लोगों का आरोप है कि वाराणसी रेलवे स्टेशन के विंडो से टीटी वाला टिकट दिया गया है। ट्रेन छूटने के पांच मिनट बाद उसे ना तो वापस लिया गया है और ना ही दूसरा टिकट दिया गया है इसके बाद टिकट लेने वाले लोगों ने स्टेशन मास्टर से संपर्क किया तो उनका भी यही कहना है कि यह टिकट वापस नहीं होता है अब सवाल यह उठता है जब टिकट वापस नहीं होता है तो यह टिकट बनाया क्यों गया और यह धोखाधड़ी किसके इशारे पर और क्यों की जा रही है जब वहाँ के अन्य कर्मचारियों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ट्रेन छूटने के तीन घंटे बाद तक टिकट आप वापस कर सकते हैं और इसका जो नार्मल चार्ज होता है वह काटा जाता है और तीन घंटे तक टिकट वापसी होनी थी लेकिन ट्रेन छूटने के पांच मिनट बाद जब कुछ लोग टिकट वापस करने गये तो विंडो पर टिकट वापस नहीं किया गया पता चला कि इसमें पूरे प्लान के साथ सिस्टम चल रहा है जो टिकट बनाया गया है वह टिकट टीटी ट्रेन के अंदर बनाते हैं, यह टिकट विंडो के अंदर नहीं बनानी चाहिए टिकट का भाड़ा 700 रुपये है वाराणसी से सूरत का जिसके हिसाब से दो लोगों का 1400 रुपये टिकट का होना चाहिए लेकिन 1500 का टिकट बनाया गया और वहीं बैठे बैठे 500 रूपये पेनाल्टी भी लगा दिया गया जबकि यह सब कार्य विंडो से ही किया गया है टीटी वाला टिकट विंडो से मिल रहा है उस पर बुकिंग वाराणसी उत्तर रेलवे विंडो की मुहर पर भी लगी है इस पर जब पीड़िता ने विंडो पर मौजूद कर्मचारी से कहा कि आप यह टिकट क्यों बना रहे हो तो उन्होंने कहा कि नहीं यह चलती है यही नहीं पीड़िता को कुछ शक लगा था इसीलिए इसका पहले ही टिकट बनाते समय वीडियो भी उन्होंने बना लिया था वहीं दोनों यात्रियों ने बुकिंग क्लर्क की मनमानी व अड़ियल रवैया को लेकर अपनी समस्या पत्रकारों से दर्ज कराई इसके बावजूद बुकिंग क्लर्क द्वारा ना तो टिकट वापस किया गया और ना ही दूसरा टिकट दिया गया या धनराशि ही वापस किया गया जिससे यात्रियों में काफी रोष व्याप्त है बताते चलें कि वाराणसी के रेलवे टिकट काउंटर में चाहे आरक्षित टिकट का मामला हो या सामान्य टिकट का इस तरह से लंबे समय से यहां के यात्री ठगी का शिकार होते रहे हैं इसकी शिकायत भी की जा चुकी है लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है जिसकी गहन जांच कराने से बड़े पैमाने पर यात्रियों के साथ हो रहा सरेआम फर्जीवाड़ा और उनका शोषण के कारनामे का पर्दाफाश हो सकता है मालूम हो कि वाराणसी देश के प्रधान मंत्री का संसदीय क्षेत्र होने के साथ ही योगी आदित्य नाथ के शासित उत्तर प्रदेश का प्रमुख जिला और क्षेत्र भी है जिससे प्रधान मंत्री और मुख्य मंत्री की साख पर भी बट्टा लग रहा है।

Share it via Social Media

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *