‘भए प्रगट कृपाला’: परम पूज्य भरत पीठाधीश्वर के श्रीमुख से राम जन्म की अलौकिक महिमा का भावपूर्ण वर्णन

दैनिक इंडिया न्यूज़ लखनऊ ।गुलाचीन मंदिर में इन दिनों श्री राम कथा का आयोजन किया जा रहा है, जहां श्रद्धालु भगवान राम के जीवन की दिव्य गाथाओं का श्रवण करने के लिए एकत्र हो रहे हैं। इस कथा में भरत पीठाधीश्वर श्री केके तिवारी जी महाराज ने अपने श्रीमुख से भगवान राम के जन्म से लेकर उनके जीवन के महत्वपूर्ण प्रसंगों का विस्तार से वर्णन किया। विशेष रूप से, भगवान राम के जन्म के समय उनकी अद्भुत महिमा का वर्णन करते हुए महाराज जी ने एक बहुत ही लोकप्रिय चांद की पंक्तियों का श्रवण कराया, जो इस अवसर पर भावनात्मक रूप से श्रद्धालुओं को जोड़ने में सक्षम रही।

राम के जन्म का दिव्य प्रसंग

महाराज जी ने भगवान राम के जन्म के समय के चमत्कारी दृश्य का वर्णन किया, जिसमें भगवान राम का प्रगट होना सम्पूर्ण ब्रह्मांड के लिए अत्यंत आनंद का कारण बना। उन्होंने बताया कि कैसे कौसल्या माता के गर्भ से भगवान राम ने जन्म लिया और उनके रूप ने सभी को चकित कर दिया। इसके बाद, श्री केके तिवारी जी महाराज ने भगवान राम के जन्म के समय की एक प्रसिद्ध शेर की पंक्तियों का पाठ किया, जो उनकी दिव्यता और मानवता को दर्शाती है:

भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,
कौसल्या हितकारी।
हरषित महतारी, मुनि मन हारी,
अद्भुत रूप बिचारी
।”

इस पंक्ति के माध्यम से उन्होंने भगवान राम के रूप, उनकी विशेषताओं और माता कौसल्या की खुशी को दर्शाया। भगवान राम के रूप ने न केवल उनकी माता को, बल्कि मुनियों और ऋषियों के हृदयों को भी मोहित कर दिया था।

महाराज जी ने राम के जीवन में उनके गुणों की गहरी चर्चा की। उन्होंने बताया कि भगवान राम का शरीर अत्यंत सुंदर और आकर्षक था, जिनकी उपस्थिति ने हर किसी को अपनी ओर आकर्षित किया। भगवान राम का रूप, उनकी सुंदरता, और उनके हाथों में रत्नजड़ित अस्त्र, सभी उनके महान व्यक्तित्व को व्यक्त करते थे। महाराज जी ने आगे कहा:

लोचन अभिरामा, तनु घनस्यामा,
निज आयुध भुजचारी।
भूषन बनमाला, नयन बिसाला,
सोभासिंधु खरारी।”

यह पंक्ति भगवान राम के रूप, उनके शस्त्रों और उनके दिव्य व्यक्तित्व को व्यक्त करती है, जो उनकी महानता को दर्शाती है।

राम के प्रति भक्ति और जीवन का आदर्श

श्री केके तिवारी जी महाराज ने यह भी बताया कि भगवान राम का जीवन हर किसी के लिए एक आदर्श है। उन्होंने अपने जीवन में हर स्थिति में धर्म का पालन किया और सत्य के मार्ग पर चले। उनके आदर्शों का अनुसरण करते हुए जीवन को उच्चतम स्तर पर जीना संभव है। महाराज जी ने श्रद्धालुओं को प्रेरित किया कि वे भगवान राम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारें और हर कार्य में भगवान राम की भक्ति और सच्चाई का पालन करें।

कार्यक्रम के अंत में, श्री केके तिवारी जी महाराज ने भगवान राम के जीवन को अपने जीवन में उतारने की प्रेरणा दी और सभी भक्तों को आशीर्वाद प्रदान किया। उन्होंने कहा कि श्री राम कथा सुनने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है और वह अपनी कठिनाइयों का सामना करने में सक्षम होता है। श्रद्धालुओं ने उत्साह के साथ महाराज जी की वाणी को सुना और उनके द्वारा दी गई शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया।

गुलाचीन मंदिर में हो रही इस श्री राम कथा ने न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। यह कथा सभी को अपने जीवन के उद्देश्यों को पुनः समझने और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।

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