प्रयागराज: महाकुंभ मेले की तैयारियों के तहत गंगा किनारे रिवर फ्रंट रोड से सीधे मेले में प्रवेश की सुविधा सुनिश्चित की जा रही है। भारत सरकार के सहयोग से बन रहे 450 मीटर लंबे दो लेन वाले स्टील ब्रिज का लोड टेस्टिंग कार्य भी सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है। इस पुल के निर्माण में 4,500 टन लोहे का उपयोग किया गया है। इसके अतिरिक्त, लगभग तीन किलोमीटर लंबी एप्रोच रोड भी तैयार कराई गई है, जिससे श्रद्धालुओं को आवागमन में कोई असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री ने महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेते हुए संगम ऐरावत घाट और संगम नोज घाट का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर तीर्थयात्री का स्नान सुरक्षित और सुविधाजनक हो। मुख्यमंत्री ने कहा, “व्यवस्थाओं में किसी भी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए। महाकुंभ को सिंगल-यूज प्लास्टिक मुक्त रखा जाएगा। कैरी बैग से लेकर होर्डिंग और बैनर तक सब कुछ बायोडीग्रेडेबल होगा। इसके लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाए।”
श्रद्धालुओं की सुविधा और घाट प्रबंधन के लिए 5,000 कुम्भ सेवा मित्रों की तैनाती की जा रही है। इन सभी को विधिवत प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि वे तीर्थयात्रियों की बेहतर सहायता कर सकें।
मुख्यमंत्री ने किले के समीप बन रहे वीआईपी घाट का भी निरीक्षण किया और त्रिवेणी संगम पहुंचकर संगम पूजन एवं बड़े हनुमान जी का दर्शन किया। उन्होंने व्यवस्थाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने और मेले को श्रद्धालुओं के लिए एक अनूठा अनुभव बनाने पर जोर दिया।
महाकुंभ मेला 2025 को भव्य, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल बनाने की दिशा में यह पहल श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत लाभकारी साबित होगी।