मुख्यमंत्री ने नगर निगम, गोरखपुर के 18 मैकेनाइज्ड स्वीपिंग मशीन वेहिकल्स को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया
दैनिक इंडिया न्यूज़ गोरखपुर: मुख्यमंत्री ने जनपद गोरखपुर में नाग पंचमी के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय कुश्ती प्रतियोगिता के समापन समारोह में विजेता खिलाड़ियोें को उत्तर प्रदेश केसरी, उत्तर प्रदेश कुमार व उत्तर प्रदेश वीर अभिमन्यु पुरस्कार से सम्मानित किया और सभी खिलाड़ियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लोगों को नाग पंचमी पर्व की बधाई देते हुए कहा कि यह त्यौहार, प्रकृति पूजन का त्यौहार है। यह त्यौहार हमें जीव-जन्तुओं के प्रति अपना प्रेम और अनुराग प्रदर्शित करने का अवसर देता है। साथ ही, आध्यात्मिक शक्ति अर्जन के लिए आज पूजन का दिन है। पहलवान अपनी शारीरिक शक्ति के लिए जाना जाता है और यह त्यौहार इस शक्ति को प्राप्त करने का भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गोरखपुर के खेल प्रेमियों के साथ मिलकर इस कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया है और सामूहिक भागीदारी से इसे रोचक बनाया है। खिलाड़ी के लिए अपनी पावन परम्परा से जुड़कर खेल के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त करना गौरव की बात है। केन्द्र व राज्य सरकार ने खेल तथा खिलाड़ियों के लिए ‘खेलो इंडिया’ और ‘सांसद खेल महाकुम्भ’ जैसे खेल आयोजनों के माध्यम से खिलाड़ियों को प्रतिभा प्रदर्शित करने का मंच प्रदान किया है। भारतीय परम्परा में कहा गया है कि ‘शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्’ अर्थात मनुष्य के लिए शरीर ही धर्म का पहला साधन है और यह शरीर खेल के माध्यम से ही स्वस्थ और पूर्ण हो सकता है। इसलिए खेल प्रतियोगिताएं स्वास्थ्य के लिए मददगार होती है। प्रदेश सरकार, भारत सरकार के साथ मिलकर खेल गतिविधियों को लगातार आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आज 02 अन्तर्राष्ट्रीय स्टेडियम, 77 स्टेडियम, 68 बहुउद्देशीय हाॅल, 18 छात्रावास, 39 तरणताल, 36 जिम हाॅल, 11 सिन्थेटिक टेनिस कोर्ट, 11 कुश्ती हाॅल, 03 रनिंग कोर्ट, 06 शूटिंग रेन्ज, 03 स्पोर्टस काॅलेज इत्यादि खेल की गतिविधियों को लगातार विकसित कर खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश सरकार प्रत्येक जनपद में स्टेडियम तथा प्रत्येक विकास खण्ड में एक मिनी स्टेडियम निर्मित करा रही है। खेल गांव की संकल्पना को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेलों को बढ़ाने में सम्मिलित निजी संस्थाओं को भी राज्य सरकार द्वारा नीति बनाकर सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। ये निजी संस्थाएं विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से खिलाड़ियों को प्रोत्साहित कर रही हैं। प्रदेश सरकार द्वारा खिलाड़ियों को प्रत्येक स्तर की विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए पुरस्कार राशि में भी वृद्धि की गयी है। ओलम्पिक खेल में एकल प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने पर 06 करोड़ रुपये, रजत पदक में 04 करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक में 02 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। टीम प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक पर 03 करोड़ रुपये, रजत पदक पर 02 करोड़ रुपये, कांस्य पदक पर 01 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है। राष्ट्रमण्डल खेलांे में भी स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को क्रमशः 1.50 करोड़ रुपये, 75 लाख रुपये, तथा 50 लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जा रही है तथा इसमें प्रतिभाग करने वाले राज्य के प्रत्येक खिलाड़ी को 05 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाती है।
एशियाई खेलों में स्वर्ण, रजत तथा कांस्य पदक विजेता खिलाड़ी को क्रमशः 03 करोड़ रुपये, 1.50 करोड़ रुपये तथा 75 लाख रुपये पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है। विश्व कप में स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक विजेता खिलाड़ियों को क्रमशः 1.50 करोड़ रुपये, 75 लाख रुपये तथा 50 लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जा रही है। दक्षिण एशियाई खेलों में भी स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक विजेताओं को क्रमशः 06 लाख रुपये, 04 लाख रुपये तथा 02 लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार अन्तरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन करने वाली महिला खिलाड़ियों को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार तथा पुरुष खिलाड़ी को लक्ष्मण पुरस्कार से सम्मानित कर रही है। इसमें उन्हें कांस्य प्रतिमा, प्रशस्ति पत्र के साथ 03 लाख 11 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है। मेजर ध्यानचन्द खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार तथा द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित प्रदेश के खिलाड़ियों को 20 हजार रुपये प्रतिमाह की सहायता राशि प्रदान की जा रही है। प्रदेश का नाम रोशन करने वाले वृद्ध खिलाड़ियों को 04 हजार रुपये प्रतिमाह की सहायता राशि तथा विपदाग्रस्त राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को 06 हजार रुपये प्रतिमाह तथा अन्तरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को 10 हजार रुपये प्रतिमाह की सहायता राशि प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के पहले खेल विश्वविद्यालय का निर्माण जनपद मेरठ में कराया जा रहा है, जिसमें अन्तरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर की सभी खेल गतिविधियों के प्रशिक्षण की सुविधा का सुअवसर सभी को प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कुश्ती प्रतियोगिता में जो उप विजेता खिलाड़ी हैं, वह और अच्छे से अभ्यास करके अपने खेल में सुधार लाने का प्रयास करें। प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप प्रदेश सरकार सभी खिलाड़ियों को मंच प्रदान करने की दिशा में कार्य कर रही है। खेलों के माध्यम से भारत की शक्ति का प्रदर्शन वैश्विक मंचों पर लगातार हो रहा है।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने गोरखनाथ मन्दिर में दो दिवसीय कुश्ती प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले का अवलोकन किया और उत्तर प्रदेश केसरी पुरस्कार विजेता जोन्टी को 01 लाख 01 हजार रुपये व गदा, उप विजेता श्री वीरेश कुन्डू को 51 हजार रुपये तथा उत्तर प्रदेश कुमार पुरस्कार विजेता श्री सौरभ यादव को 51 हजार रुपये व गदा, उप विजेता श्री बघेल यादव को 25 हजार रुपये एवं उत्तर प्रदेश वीर अभिमन्यु पुरस्कार जीतने वाले श्री आदित्य यादव को 51 हजार रुपये व गदा, उप विजेता श्री विनीत को 25 हजार रुपये प्रदान किये। साथ ही, वॉलीबॉल खिलाड़ी युवराज प्रताप सिंह, कुश्ती के सौरभ यादव व टेनिस बाॅल के खिलाड़ी अमन राज को भी सम्मानित किया।
इसके उपरान्त, मुख्यमंत्री ने विभिन्न वाॅर्डाें में सफाई के लिए नगर निगम, गोरखपुर के 18 मैकेनाइज्ड स्वीपिंग मशीन वेहिकल्स को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर खेल एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चन्द्र यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। विकास के हर क्षेत्र में नए कीर्तिमान बन रहे हैं। मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा से पहलवानों को अवसर उपलब्ध कराने में गोरखनाथ मंदिर में होने वाली पारम्परिक कुश्ती प्रतियोगिता का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
सांसद रवि किशन शुक्ल ने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की मंशा भारत को विश्व गुरु बनाने की है। इस मंशा को पूरा करने के लिए युवाओं का शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत होना जरूरी है। प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी ने खेल व खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए संसाधन, पुरस्कार से लेकर नौकरी तक हर प्रकार की व्यवस्थाएं की हैं।