मुख्यमंत्री ने जनपद गौतमबुद्धनगर के ग्राम कयामपुर का भ्रमण कर निगरानी समिति के सदस्यों से संवाद किया

हरिंद्र सिंह/डीडी इंडिया न्यूज

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद गौतमबुद्धनगर के ग्राम कयामपुर का भ्रमण कर वहां निगरानी समिति के सदस्यों से संवाद किया। उन्होंने निगरानी समिति के सदस्य से कोविड प्रबन्धन हेतु उनकी कार्य प्रणाली, ग्राम में परिवारों की संख्या, स्क्रीनिंग, वैक्सीनेशन, मेडिसिन किट वितरण, ग्राम में कोविड संक्रमित मरीजों को प्रदत्त सुविधाओं के विषय में जानकारी प्राप्त की।
इस अवसर पर उपस्थित निगरानी समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि निगरानी समिति का प्रमुख कार्य कोविड संक्रमण की रोकथाम हेतु लोगों में जागरूकता फैलाना है। निगरानी समिति के सदस्यों ने बताया कि गांव में लगभग 1100 परिवार हैं, जिनकी स्क्रीनिंग करके संदिग्ध मरीज को मेडिसिन किट उपलब्ध करायी जाती है। अभी तक गांव में कोविड संक्रमण के दो मरीज मिले हैं, जिन्हें होम आइसोलेशन मेें रखा गया है। दोनों कोविड मरीजों को मेडिसिन किट सहित सभी आवश्यक सुविधायें उपलब्ध करायी जा रही हैं। सभी परिवारों का वैक्सीनेशन भी कराया जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने निगरानी समिति के कार्याें की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना महामारी को नियंत्रित करने में आंगनवाड़ी कार्यकर्त्री, आशावर्कर, पंचायतीराज विभाग तथा राजस्व विभाग के कर्मियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। द्वितीय वेव के समय पूरी दुनिया व देश में कोरोना महामारी एक खतरनाक रूप में आयी थी। प्रदेश सरकार द्वारा द्वितीय वेव के समय ही निगरानी समितियों को एक्टिव करके इनके माध्यम से घर-घर जाकर मेडिसिन किट का वितरण कराया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सबसे बड़ी आबादी का राज्य होने के बावजूद सभी के प्रयासों से प्रदेश कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में सफल रहा। उन्होेंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा ‘जहां पर बीमार वहीं पर उपचार’ का नारा दिया गया था। मेडिसिन वितरण उसी उपचार का एक तरीका है।
मुख्यमंत्री जी ने जनपद गौतमबुद्धनगर के सभी पात्र लोगों को टीके की प्रथम डोज के शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन पर सभी सम्बन्धितों को विशेष रूप से धन्यवाद दिया। जनपद में 92 प्रतिशत लोगों को द्वितीय डोज लोगों को दी जा चुकी। उन्होंने कहा कि 15 वर्ष से ऊपर सभी लोगों को कोविड वैक्सीन दी जाए। उन्होंने कहा कि प्रिकॉशन डोज व 15 से 17 वर्ष आयु के किशोरों का भी समय से वैक्सीनेशन करवा दिया जाए, यह एक बड़ा कार्य होगा। यह एक राष्ट्रीय कार्य है, जिससे हम लोग भी कह पाएंगे कि इस सदी की सबसे बड़ी महामारी पर नियन्त्रण पाने व लोगों के जीवन को बचाने में सभी का योगदान है।
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