दैनिक इंडिया न्यूज़ ,लखनऊ: 02 सितम्बर, 2024 — उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मानव और वन्य जीव संघर्ष की दृष्टि से संवेदनशील जनपदों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हर नागरिक की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और वन्य जीवों की दृष्टि से संवेदनशील जिलों में सुरक्षा के सभी इंतज़ाम किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन जनपदों में प्रशिक्षित टीम की गश्त बढ़ाई जाए और जहां आवश्यकता हो, अतिरिक्त मैनपावर तैनात किया जाए। साथ ही, आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने प्रत्येक जनपद की विशिष्ट स्थिति को देखते हुए राहत और बचाव की अलग-अलग कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता जताई।
मुख्यमंत्री ने बहराइच, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, श्रावस्ती, मुरादाबाद, हापुड़, सीतापुर, गोंडा, मेरठ, बिजनौर और बरेली जनपदों के जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और वन विभाग के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हाल के दिनों में तेंदुए और भेड़िया के हमलों की स्थिति की समीक्षा की। इस बैठक में वन मंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, अपर मुख्य सचिव गृह, अपर मुख्य सचिव वन, सभी एडीजी जोन, मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों ने भी सहभागिता की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में आदमखोर भेड़ियों और तेंदुओं द्वारा किए गए हमलों से जनहानि हुई है। इस स्थिति को जल्द से जल्द नियंत्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने वन्य जीवों को पकड़ने और नियंत्रित करने के लिए तकनीकी सहयोग लेने की सलाह दी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि वन्य जीवों के हमलों की स्थिति में प्रशासन, पुलिस, वन विभाग, स्थानीय पंचायत और राजस्व विभाग द्वारा व्यापक जन-जागरूकता सृजित की जाए और लोगों को सुरक्षा के उपायों के बारे में बताया जाए। उन्होंने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में वन विभाग के अतिरिक्त कार्मिकों की तैनाती की जाए और ज्वाइंट पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए। वरिष्ठ अधिकारियों को जिलों में कैम्प करने के निर्देश दिए गए हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में लाइट की समस्या को ध्यान में रखते हुए पेट्रोमैक्स की व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने जनजागरूकता को महत्वपूर्ण बताते हुए इसके लिए मीडिया का सहयोग लेने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मीडिया को अधिकारियों द्वारा तथ्यपरक जानकारी दी जाए और जनप्रतिनिधियों को भी सही और समय पर जानकारी प्रदान की जाए ताकि अफवाहों की संभावना को न्यूनतम किया जा सके।