योगी सरकार के प्रयासों असर दिखने लगा है, श्रीराम नगरी अयोध्या में -जेपी सिंह

दैनिक इंडिया न्यूज लखनऊ

सितंबर तक अलौकिक रूप में नजर आने लगेगा अयोध्या का प्राचीन सूर्य कुड,

भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में योगी सरकार की विकास यात्रा निरंतर जारी है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के दिव्य भव्य रूप में अस्तित्व में आने से पहले ही यहां विकास की तमाम योजनाओं को मूर्त रूप देने का कार्य तेजी से चल रहा है। बात चाहे अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की हो, श्रीराम मंदिर कॉरीडोर की हो या प्राचीन कुंडों, सरोवरों को अलौकिक रूप देने की, अयोध्या में विकास कार्य तेजी से संपादित किये जा रहे हैं। इसी क्रम में पौराणिक सूर्य कुंड के सुंदरीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। इसी साल सितंबर महीने तक इसके पूरा होने की उम्मीद है।

अयोध्या विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि अयोध्या के आसपास के जितने भी पौराणिक स्थल हैं, उनको विकसित किया जा रहा है। पौराणिक कुंडों में सबसे पहले सूर्य कुछ के सुंदरीकरण का कार्य हो रहा है। जनवरी 2022 से शुरू हुआ ये कार्य लगभग पूरा होने को है और उम्मीद है कि सितंबर 2022 तक इसे कम्पलीट कर लिया जाएगा।

ओपन एयर थियेटर और लेजर शो होगा खास

विशाल सिंह के अनुसार अयोध्या रामनगरी से करीब 4 किलोमीटर दूर पौराणिक सूर्य कुंड परिसर की
बाउंड्री वॉल का निर्माण कराया जा रहा है। सूर्य कुंड परिसर में ही भगवान राम के व्यक्तित्व कृतित्व को लेकर लेजर शो भी दिखाया जाएगा सूर्य कुंड में होने वाली सारी गतिविधियां शाम के वक्त ही रखी जाएंगी। यहां बच्चों के मनोरंजन के लिए पार्क विकसित किए जा रहे हैं। पार्क में ही झूले लगाए जाएंगे, इसके अलावा परिसर में ओपन एयर थियेटर का भी निर्माण किया जाएगा। साथ ही हवन कुंड नवग्रह वाटिका भी बनायी जाएगी, जिसमें भगवान राम के जीवन से संबंधित लेजर शो का आयोजन किया जाएगा। चारों द्वार का भी होगा सुंदरीकरण सूर्य कुंड के सुंदरीकरण कार्य को देख रहे सहायक अभियंता अनिल सिंह के अनुसार इस कुछ की एक खास बात यह भी है कि इसके चारों तरफ द्वार बनाये गये हैं। इन द्वारों के सुंदरीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। साथ ही इसके घाटों की सफाई भी अब लगभग पूरी हो चुकी है। प्रदेश सरकार द्वारा इसके लिए – ₹24 करोड़ का बजट है, जिसमें से 50 लाख रुपये लाइट शो के लिए हैं, और 50 लाख रुपये सूर्य कुंड मंदिर के सुंदरीकरण के लिए है। बाकी बची राशि से इस कुंड को दिव्य भव्य रूप देने के लिए कार्य कराया जाएगा।

पोषर्क तीर्थ ही है प्राचीन सूर्यकुंड

बता दें कि अयोध्या का प्राचीन सूर्य कुछ मंदिर जिस स्थान पर है उस जगह पर प्राचीन काल में घोषा तीर्थ’ हुआ करता था। इस बात का प्रमाण डच इतिहासकार हम बेकर की पुस्तक “अयोध्या” मिलता है। ‘घोषार्क तीर्थ का वर्णन स्कन्द पुराण में भी है। स्कन्द पुराण के अनुसार वह तीर्थ स्थल सभी पापों को नाश करने वाला है। ‘घोषार्क तीर्थ’ की महिमा सूर्य मंदिर तथा कुंड स्नान के लिए आदि काल से ही प्रसिद्ध रहा है।

बता दें कि अयोध्या का प्राचीन सूर्य कुंड मंदिर जिस स्थान पर है उस जगह पर प्राचीन काल में ‘पोषाक ती हुआ करता था। इस बात का प्रमाण डब इतिहासकार हंस बेकर की पुस्तक “अयोध्या” से मिलता है। ‘घोषार्क तीर्थ का वर्णन स्कन्द पुराण में भी है। स्कन्द पुराण के अनुसार यह तीर्थ स्थल सभी पापों को नाश करने वाला है। पोषाक तीर्थ की महिमा सूर्य मंदिर तथा कुछ स्नान के लिए आदि काल से ही प्रसिद्ध रहा है।

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