वाचस्पति त्रिपाठी / डी डी इंडिया न्यूज
मऊ । दिनांक 25 जनवरी,2022
26 जनवरी 2022 को राजपथ नई दिल्ली मं आयोति गणतंत्र दिवस की परेड में लोक अदालत से संबंधित एक मुठ्ठी आसमाँ विषयक का झाॅकी का प्रदर्शन किया जा रहा है। विविक सेवा प्राधिकरण का गठन समाज के कमजोर वार्गो के मुफ्त एवं सक्षम विविक सेवाओं को प्रदान करने के लिए, ताकि आर्थिक या किसी भी अन्य कारणो से कोई भी नागरिक न्याय पाने से वंचित न रहे तथा लोक अदालत का आयोजन करने के लिए किया गया है, जिससे कि न्यायिक प्रणाली समान अवसर के आधार पर सबके लिये न्याय सुगम बना सके। लोक अदालत कानूनी विवादों का, सुलह की भावना से, न्यायालय से बाहर समाधान करने का वैकल्पिक विवाद निष्पादन का अभिनव तथा सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम है, जहॉ आपकी समझ-बुझ से बिबदों का समाधान किया जाता है। लोक अदालत सरल एवं अनौपचारिक प्रक्रिया को अपनाती है तथा विवादों का अविलम्ब निटारा करती है। इसमें पक्षकारों का कोई शुल्क भी नही लगता है। लोक अदालत से न्यायालय में लंबित मामले का निष्पादन होने पर, पहले से भुगतान किये गये अदालती शुल्क को भी वापस कर दिया जाता है। लोक अदालत का आदेश/फैसला अंतिम होता है जिसके खिलाफ अपील नही की जा सकती लोक अदालत से मामलों के निपटारे के बाद दोनो पक्ष विजेता रहते है तथा उनमे निर्णय से पूर्ण संतुष्टि की भावना रहती है, इसमें कोई भी पक्ष जीतता या हारता नही है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने जन-जन के दर तक न्याय की इस तीव्रतर प्रणाली को पहुचाया है और अदालतों का बोझ बड़े पैमाने पर घटाया है। 2021 में आयोजित की गयी राष्ट्रीय लोक अदालतो में, एक करोड़ पचीस लाख से ज्यादा मामलों का निपाटारा किया गया है। झांकी का अग्रभाग ‘न्याय सबके लिए‘ को बिम्बित करता है, जो कि भयमुक्तता, भरोसा तथा सुरक्षा का धोतक है। एक हाथ की पांचों उॅगलियां खुलती हुई दिखाई पड़ती है, जो लोक अदालतों के पांच मार्ग दर्शक सिद्धान्तों को दर्शाती है। सबके लिए सुगम्यता, निश्चयात्मकता, सुलभता, न्यायसंगतता तथा शीघ्र न्याय।
उक्त आशय की जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मऊ द्वी गयी।