दैनिक इंडिया न्यूज़, लखनऊ।भारत के औद्योगिक क्षेत्र में नए युग के निर्माता और विशिष्ट शिल्पकार, रतन टाटा, जिन्होंने भारत को वैश्विक औद्योगिक मानचित्र पर गौरवान्वित किया, अपनी अंतिम यात्रा पर प्रस्थान कर चुके हैं। राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह ने रतन टाटा को मानवता, सरलता, तथा देशभक्ति का प्रतीक बताते हुए उन्हें भारत का सबसे मूल्यवान रत्न करार दिया। महासंघ की ओर से रतन टाटा के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि रतन टाटा न केवल एक सफल उद्योगपति थे, बल्कि जीव-जंतु और प्रकृति प्रेमी भी थे। वे राष्ट्रहित को सर्वोच्च स्थान पर रखते हुए सदैव भारत के विकास के लिए कार्यरत रहे। उनके नेतृत्व में भारत ने औद्योगिक विकास के नए मानक स्थापित किए, जो देश को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर गौरव प्रदान करने वाले साबित हुए।
महासंघ ने भारत सरकार से अपील की है कि रतन टाटा को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जाए। यह न केवल उनके योगदान का प्रतीक होगा, बल्कि उनके द्वारा किए गए कार्यों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणिकता भी प्रदान करेगा। उनके नेतृत्व और समर्पण के बिना भारतीय उद्योग जगत की कल्पना अधूरी है।
रतन टाटा का योगदान सदियों तक भारतीय विकास और नवभारत के निर्माण में प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।