राष्ट्र सुरक्षा और राष्ट्र प्रेम पर लखनऊ में विशेष बैठक,

डॉ. अरविंद भूषण पांडे और जगद्गुरु अवधेश प्रपन्नाचार्य ने की महत्वपूर्ण चर्चा

दैनिक इंडिया न्यूज़ 27 सितंबर 2024 लखनऊ। राजधानी में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें राष्ट्र सुरक्षा और राष्ट्र प्रेम के विभिन्न पहलुओं पर गंभीर चर्चा की गई। इस बैठक में डीआईजी (टेक्निकल) डॉ. अरविंद भूषण पांडे, जो अपने कार्य में ईमानदारी और समर्पण के लिए प्रसिद्ध हैं, उन्होंने राष्ट्र रक्षा के आधुनिक व तकनीकी पहलुओं पर अपने विचार साझा किए। उनके साथ जगद्गुरु अवधेश प्रपन्नाचार्य, प्रतापगढ़ के लालगंज मेडवा विधानसभा क्षेत्र से विधायक प्रत्याशी राणा राजा सूबेदार सिंह चौहान, भारतीय सभ्यता पार्टी के अध्यक्ष अजय कुमार लोधी, उपाध्यक्ष डी.के. राय और राष्ट्रीय सनातन महासंघ के महासचिव एच.एस. भार्गव भी उपस्थित थे।

बैठक की एक खास बात यह थी कि राणा राजा सूबेदार सिंह चौहान ने डीआईजी डॉ. अरविंद भूषण पांडे को अंग वस्त्र अर्पित कर सम्मानित किया। इसके प्रत्युत्तर में डॉ. पांडे ने भी राजा सूबेदार सिंह चौहान को अंग वस्त्र देकर उनका सम्मान किया। यह आपसी सम्मान और सौहार्द्र राष्ट्र प्रेम और सेवा के प्रति दोनों के गहरे समर्पण का प्रतीक बना।

डॉ. अरविंद भूषण पांडे ने राष्ट्र सुरक्षा के तकनीकी पहलुओं पर जोर देते हुए कहा कि वर्तमान युग में राष्ट्र की सुरक्षा केवल सीमाओं की रक्षा से नहीं, बल्कि आंतरिक सुरक्षा, साइबर सुरक्षा और डिजिटल अपराधों से भी जुड़ी है। उन्होंने बताया कि पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गया है, जिससे समाज को सुरक्षित रखा जा सके। लखनऊ पुलिस द्वारा साइबर अपराध से निपटने के लिए उठाए जा रहे महत्वपूर्ण कदमों की भी चर्चा की गई, जो नागरिकों की सुरक्षा को और सुदृढ़ बना रहे हैं।

जगद्गुरु अवधेश प्रपन्नाचार्य ने अपने विचार रखते हुए कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा केवल सैन्य और तकनीकी उपायों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों से भी गहराई से जुड़ी होनी चाहिए। उन्होंने ‘धर्मो रक्षति रक्षितः’ के संदर्भ में कहा कि धर्म और संस्कृति की रक्षा ही राष्ट्र की सुरक्षा को सशक्त करती है। उनके अनुसार, जब राष्ट्र प्रेम और सांस्कृतिक मूल्यों को प्राथमिकता दी जाती है, तो यह राष्ट्र की स्थिरता और सुरक्षा को और अधिक मजबूती प्रदान करता है।

इस विशेष बैठक का मुख्य निष्कर्ष यह रहा कि राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी और सांस्कृतिक दोनों पहलुओं का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। डॉ. अरविंद भूषण पांडे की तकनीकी दृष्टि और जगद्गुरु अवधेश प्रपन्नाचार्य की सांस्कृतिक सोच ने यह सिद्ध किया कि राष्ट्र की सुरक्षा के लिए केवल भौतिक दृष्टिकोण ही नहीं, बल्कि नैतिक और सांस्कृतिक स्थिरता भी आवश्यक है।

बैठक के दौरान राष्ट्र सुरक्षा के प्रति सभी उपस्थित राष्ट्र प्रेमियों ने अपनी प्रतिबद्धता और संकल्प व्यक्त किया। यह संदेश दिया गया कि राष्ट्र की सुरक्षा केवल सुरक्षा बलों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक को इसमें अपनी भूमिका निभानी होगी। राष्ट्र प्रेम, तकनीकी विशेषज्ञता और सांस्कृतिक मूल्यों का समन्वय ही एक सशक्त और सुरक्षित भारत का निर्माण कर सकता है।

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