लखनऊ में भव्य भंडारे का आयोजन, हनुमान भक्तों ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया

दैनिक इंडिया न्यूज़ 22 जून 2024 ,लखनऊ के सीतापुर रोड स्थित बंधा रोड पर त्रिकोरेश्वर महादेव मंदिर में जेष्ठ माह के आखिरी शनिवार को तृतीय भंडारे का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर हजारों की संख्या में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया और भंडारे की पुण्याई का हिस्सा बने। भंडारे में मुख्य रूप से कढ़ी चावल, बूंदी और ठंडे पानी की व्यवस्था की गई थी, जो सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक चला।

इस भंडारे का आयोजन पारिका फाइनेंशियल कंपनी के चंदन सिंह, पिंटू वर्मा हिंदू रक्षा वाहिनी, जेएस न्यूज़ नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ मनीष कुमार शर्मा, कुलदीप सिंह हिंदू रक्षा वाहिनी, कुंदन सिंह और उनके समस्त परिवार एवं मित्रगणों द्वारा किया गया था। यह आयोजन हनुमान जी महाराज की भक्ति में समर्पित था, जिन्होंने अपनी संजीवनी भक्ति और भगवान राम के प्रति निष्ठा से समाज में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।

हनुमान जी की भक्ति का महत्व और उनकी भगवान राम के प्रति निष्ठा भारतीय समाज में गहराई से रची-बसी है। हनुमान जी को भगवान राम के सबसे बड़े भक्त के रूप में जाना जाता है। उनकी सेवा और समर्पण का उदाहरण हमारे लिए प्रेरणादायक है। हनुमान जी ने अपने अद्वितीय बल और बुद्धिमत्ता से भगवान राम की हर संभव सहायता की। उन्होंने सीता माता की खोज से लेकर संजीवनी बूटी लाने तक हर कार्य में अपनी निष्ठा और सेवा का अद्वितीय परिचय दिया।

हनुमान जी की भक्ति से यह सीख मिलती है कि किसी भी कार्य में समर्पण और निष्ठा के साथ जुड़ना चाहिए। उनके जीवन से यह प्रेरणा मिलती है कि किसी भी स्थिति में धैर्य और संकल्प के साथ कार्य करना चाहिए। उनके भक्ति भाव से यह संदेश मिलता है कि हमें समाज और धर्म के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह निःस्वार्थ भाव से करना चाहिए।

भंडारे का आयोजन भी इसी भक्ति और सेवा का प्रतीक है। इस प्रकार के आयोजनों से समाज में सेवा और सहयोग की भावना को प्रोत्साहन मिलता है। इस भंडारे ने समाज के हर वर्ग के लोगों को एक साथ लाकर यह संदेश दिया कि भक्ति और सेवा का कोई मोल नहीं होता, यह निःस्वार्थ और समर्पित भाव से की जाती है।

ऐसे आयोजनों से समाज में एकता और भाईचारे की भावना मजबूत होती है। यह हमें हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों की याद दिलाते हैं और यह एहसास कराते हैं कि हमें अपनी परंपराओं और मान्यताओं का सम्मान करना चाहिए। भंडारे का यह आयोजन न सिर्फ एक धार्मिक कृत्य था, बल्कि यह समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का एक सशक्त उदाहरण भी है।

इस प्रकार, हनुमान जी की भक्ति और भंडारे का यह आयोजन समाज में सेवा और समर्पण की भावना को प्रोत्साहित करता है, जिससे हर व्यक्ति अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को समझ सके और उन्हें निष्ठा पूर्वक निभा सके।

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