दैनिक इंडिया न्यूज़, 18 जुलाई 2024, लखनऊ। पंतनगर, खुर्रम नगर, इंद्रप्रस्थ नगर और अबरार नगर के निवासियों ने हाल ही में अपने घरों पर बुलडोजर चलने के डर से एक बड़ी राहत का अनुभव किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप के बाद, जिन घरों पर लाल निशान लगाए गए थे और जिन्हें अवैध करार देकर तोड़ने की योजना बनाई गई थी, अब सुरक्षित हैं।
जब सिंचाई विभाग, लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए), और नगर निगम के अधिकारियों ने इन क्षेत्रों में घरों पर लाल निशान लगाए और उन्हें अवैध घोषित किया, तब लोगों में हताशा और निराशा व्याप्त हो गई। निवासियों ने निर्वाचित पार्षदों, विधायकों, और अन्य भाजपा और विपक्षी जनप्रतिनिधियों से मदद की गुहार लगाई। लेकिन सबसे बड़ी निराशा तब हुई जब भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक ओमप्रकाश श्रीवास्तव से मिलने गई महिलाओं की टीम को बताया गया कि यह बुलडोजर से घर तोड़ने की योजना प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की है, और उन्होंने कोई मदद करने से असमर्थता जताई।
विधायक से मिलकर आने के बाद वहां के लोगों में हताशा और निराशा देखी गई। कुछ बड़े मीडिया हाउसों के लोगों ने भी वहां के जनमानस को निराश किया। लेकिन वहां के बच्चे और महिलाओं में अपने निर्वाचित मुख्यमंत्री पर और अपने पत्रकार बंधुओं पर भरोसा था। यहां तक कि पत्रकारों ने भी वहां के लोगों को यही राय दी कि आप कोर्ट जाने से पहले प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ से जाकर अपनी पीड़ा और संवेदना के बारे में जिक्र करिए, हो सकता है कि कोई न कोई रास्ता वे बताएंगे।
मीडिया कर्मियों के प्रोत्साहन और स्थानीय लोगों के समर्थन से पंतनगर के निवासी मुख्यमंत्री से मिलने का साहस जुटा पाए। मुख्यमंत्री से मिलकर निवासियों ने अपनी पीड़ा और समस्याओं को सामने रखा। मुख्यमंत्री ने उनकी बातों को ध्यान से सुना और तत्काल अधिकारियों को निर्देशित किया कि डर का माहौल समाप्त किया जाए। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि जो लोग इस डर का माहौल बना रहे हैं, वे बख्शे नहीं जाएंगे और निवासियों के घरों को सुरक्षित रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद, पंतनगर, खुर्रम नगर और अबरार नगर के निवासियों ने योगी और मोदी के समर्थन में नारे लगाते हुए जश्न मनाया। इस बीच, जब निवासियों की समस्याओं का समाधान हो गया, तो विधायक, पार्षद और विपक्ष के नेता माइलेज लेने के लिए आने लगे। बड़े अखबारों में खबरें प्रकाशित होने लगीं कि विधायक और पार्षद के प्रयासों से मुख्यमंत्री ने निवासियों की परेशानियों को कम किया है।
इस झूठी खबरबाजी पर लोगों में गहरा गुस्सा है। जिन लोगों ने पहले कोई मदद नहीं की, वे अब अपनी तारीफें करवा रहे थे। निवासियों ने झूठी खबर छापने वाले मीडिया हाउसों को फोन कर अपनी नाराजगी जाहिर की और बताया कि जब उनकी समस्याएं बढ़ रही थीं, तो छोटे मीडिया हाउसों और समाज के सहयोग से ही उनकी आवाज मुख्यमंत्री तक पहुँची थी।
इस घटना से यह स्पष्ट हो गया कि मेहनत करने वाले और न्याय दिलाने वाले लोग अक्सर पीछे रह जाते हैं, जबकि माइलेज लेने वाले आगे आ जाते हैं। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। मुख्यमंत्री के समय पर हस्तक्षेप और स्थानीय मीडिया और समाज के प्रयासों ने साबित कर दिया कि सच्चाई की जीत होती है और मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी सुनिश्चित किया कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जाए और जिन्होंने गलत जानकारी देकर डर का माहौल बनाया, उन पर सख्त कार्रवाई की जाए। इस घटना से यह भी संदेश मिला कि सरकार को अपनी नीतियों और योजनाओं का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए ताकि विकास के नाम पर किसी का घर और जीवन बर्बाद न हो।
पंतनगर के निवासियों का संघर्ष और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संवेदनशील और त्वरित हस्तक्षेप एक मिसाल बन गया है। यह दिखाता है कि जब लोग संगठित होकर अपनी समस्याओं को आवाज देते हैं, तो वे न्याय पा सकते हैं। यह घटना उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अब समय है कि समाज में यह संदेश जाए कि मेहनत और न्याय की जीत होती है, और झूठे दावे और राजनीतिक माइलेज की जगह नहीं होनी चाहिए।
इस घटनाक्रम में एक और महत्वपूर्ण पहलू था पंतनगर की एक समाज सेविका का साहस और संघर्ष किसी से छिपा नही है,उन्होंने निवासियों के मुद्दों को उठाने के लिए अथक प्रयास किए, लेकिन दुर्भाग्यवश, उन्हें सीबीसीआईडी और लोकल इंटेलिजेंस के कुछ अधिकारियों द्वारा धमकाने और डराने की कोशिश की गई। यह बहुत निराशाजनक बात है कि जब कोई समाज सेवक या सेविका जनता के मुद्दों को उठाती है, तो उसे दबाने की कोशिशें होती हैं। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी को आश्वस्त किया कि किसी का भी नुकसान नहीं होने दिया जाएगा और इस तरह के प्रशासनिक गुंडों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना समाज में एक महत्वपूर्ण संदेश देती है कि जो लोग न्याय के लिए लड़ते हैं और समाज के हित में काम करते हैं, उन्हें धमकाने वालों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। मुख्यमंत्री के आश्वासन और हस्तक्षेप ने यह स्पष्ट कर दिया कि जनता की आवाज को दबाने की कोई भी कोशिश सफल नहीं होगी। अब समय है कि समाज में यह संदेश फैलाया जाए कि सच्चाई की जीत होती है और समाज के हित में काम करने वाले लोगों को सुरक्षा और समर्थन मिलना चाहिए।