लखनऊ ,वन विभाग का दावा- 3 दिनों से नहीं दिखा तेंदुआ, नंबर जारी कर लोगों से की यह अपील

उत्तर प्रदेश की राजधानी में बीते कई तेंदुए दिनों से लोगों को एक खौफनाक साए का डर सता रहा हैं जिसकी दहशत से लोगों का जीना हराम हो गया है। शहर में का खौफ इतना बढ़ गया है कि लोगो ने खुदको घरो में कैद कर लिया हैं। वहीं, वन विभाग ने एहतियात के रूप में हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। जिसपर फोन कॉल के माध्यम से तेंदुआ दिखने पर तत्काल प्रवर्तन टीम से सम्पर्क कर सूचना दें सकते हैं। हालांकि, इस दौरान शहर के कई इलाकों में तेंदुआ होने की सूचनाएं मिली लेकिन वन विभाग की टीम के पहुंचने पर उन जगहों पर उसके होने की पुष्टि नहीं हुई है।

तेंदुआ दिखने पर इन नंबरों पर करें संपर्क

1- क्षेत्रीय वन अधिकारी कुकरैल 7839434285
2- क्षेत्रीय वन अधिकारी शहरी 7839434282
3- प्रभागीय वनाधिकारी, अवध वन प्रभाग 7839435107
4- उप प्रभागीय वनाधिकारी, लखनऊ 9450644433, सीयूजी 7839434892
5- उप प्रभागीय वनाधिकारी, मोहनलालगंज 9935417955, सीयूजी 7839434891
6- क्षेत्रीय वन अधिकारी बक्शी का तालाब 7839434286

3 दिनों से नही दिखा तेंदुआ

डॉ रवि कुमार के मुताबिक कंट्रोल रूम को कुछ सूचनाएं मिली थी। जिसमें इंटीग्रल यूनिवर्सिटी कुर्सी रोड, तकरोही, सेक्टर-19 इंदिरा नगर तथा स्पोर्ट्स कॉलेज गुडम्बा, मड़ियाव गांव, अमराई गाँव और जानकीपुरम सेक्टर-एफ में वन्यजीव निकलने की सूचना प्राप्त हुई। इन सभी स्थानों पर अलग-अलग टीमों द्वारा रात्रि में मुआयना किया गया। इसके साथ ही प्रत्यक्षदर्शियों से बात भी की गई लेकिन, कहीं पर भी तेंदुआ देखे जाने की पुष्टि नहीं हुई और न ही कोई पगमार्ग या उसके द्वारा हमला किए जाने की घटना प्रकाश में आई। डॉ रवि कुमार के मुताबिक तेंदुआ तीन दिनों से इलाके में नहीं दिखाई दिया है। उनका दावा है कि इसका मतलब वो वापस लौट गया है। उन्‍होंने सभी से अफवाहों पर ध्यान ना देने की भी अपील की है

वन विभाग ने जारी किए ये निर्देश –

1- मवेशियों व पालतू पशुओं को सुरक्षित बाड़े में ही बंद रखें खुले में न बांधें।
2- समूह में ही घर से बाहर निकलें। हाथ में डंडा जरूर रखें।
3- शाम के समय अनावश्यक बाहर न निकलें और जंगल की तरफ न जाएं।
4- रात में मशाल या टार्च लेकर ही निकलें।
5- बच्‍चों को अकेले बाहर न जानें दें।
6- घर का प्रवेश द्वार बंद रखें।
7- हिंसक जानवर दिखने पर उसे बिल्कुल न छेड़ें।
8- वन्यजीवों को नुकसान न पहुंचाएं।

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