
दैनिक इंडिया न्यूज़, वाराणसी।वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन की भीड़भाड़ और अफरातफरी के बीच एक ऐसा शख्स बेखौफ घूम रहा था, जिसकी नजरें मुसाफिरों की जेब और हाथ में पकड़े मोबाइल पर थीं। लेकिन उसे क्या पता था कि इस बार उसका सामना किसी आम मुसाफिर से नहीं, बल्कि वर्दी में खामोशी से निगरानी कर रही जीआरपी कैंट की टीम से होने वाला है।
13 अप्रैल की दोपहर करीब 1:10 बजे, प्लेटफार्म नंबर 1 के काशी छोर पर अचानक जीआरपी की टीम ने एक संदिग्ध युवक को दबोच लिया। टीम को शक था, लेकिन अगले चंद मिनटों में जो खुलासा हुआ, उसने सबको चौंका दिया!
गिरफ्तार शख्स की पहचान ‘आशिक’ पुत्र अजीउल्ला निवासी वार्ड नंबर-12, मछरहट्टा, थाना रामनगर, जिला वाराणसी के रूप में हुई। उम्र करीब 30 साल। उसकी तलाशी ली गई तो उसके पास से दो कीमती एंड्रॉइड मोबाइल फोन बरामद हुए, जिनके IMEI नंबरों से पुष्टि हुई कि वे चोरी के हैं।
फोन नंबर 1: Realme (ब्लू कलर) – बिना सिम
फोन नंबर 2: Oppo (सिल्वर कलर) – बिना सिम
इन दोनों मोबाइल्स से जुड़े केस:
मुकदमा संख्या 85/25 धारा 303(2) BNS
मुकदमा संख्या 48/25 धारा 303(2) BNS
गिरफ्तारी के बाद दोनों केसों में धारा 317(2) BNS की भी वृद्धि की गई।
पूछताछ में आरोपी ने कबूला कि वह लंबे समय से यात्रियों के मोबाइल उड़ाने का काम कर रहा था और भीड़भाड़ वाले स्टेशन को अपना सबसे आसान शिकार समझता था।
कार्रवाई में शामिल टीम:
प्रभारी निरीक्षक: हेमंत सिंह
उपनिरीक्षक: अशोक कुमार ओझा, आनंद कुमार यादव
हेड कांस्टेबल: अहमद नवाज, राजेंद्र कुमार, धर्मेंद्र कुमार
रेलवे सुरक्षा की नई कहानी:
इस पूरी कार्रवाई को ADG रेलवे प्रकाश डी., DIG राहुल राज, SP रेलवे अभिषेक यादव, और DSP कुँवर प्रभात सिंह के निर्देशन में चलाए जा रहे सुरक्षा अभियान के अंतर्गत अंजाम दिया गया। यह केवल एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि पूरे नेटवर्क पर करारी चोट मानी जा रही है।
क्या ये गिरफ्तारी सिर्फ शुरुआत है?
क्या ‘आशिक’ किसी बड़े गिरोह का मोहरा है? क्या रेलवे स्टेशनों पर संगठित तरीके से चोरी का रैकेट चल रहा है? पुलिस अब इस एंगल से भी जांच में जुट गई है।
न्यायालय में पेशी के बाद आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।