वृक्ष हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग, पौधे से बना रहेगा पृथ्वी पर प्राकृतिक संतुलन-जेपी सिंह

नगपंचमी के पावन पर्व पर संस्कृत भारती न्यास ने किया बृहद बृक्षारोपण

देनिक इंडिया न्यूज लखनऊ:

संस्कृतभारती न्यासअवधप्रान्त के पदाधिकारियों,न्यासियों,सदस्यों ने कार्यालय परिसर, शिवमन्दिर, महानगर मे नागपंचमी के अवसर पर न्यास कार्यकारिणी बैठक पश्चात वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।इस कार्यक्रम मे स्थानीय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी सहभागिता की। श्री जे पी सिंह अध्यक्ष संस्कृतभारती न्यासअवधप्रान्त ने पर्यावरण संतुलन मे वृक्षारोपण के महत्व पर अपने संदेश मे कहा कि भारतीय संस्कृति मे विभिन्न प्रजातियों के वृक्षों का पूजन आदि काल से किया जाता रहा है। हमारे हर शुभ कार्यों मे आम के पल्लवों तथा केले के पत्ते का प्रयोग उनके वैज्ञानिक पक्ष को आलोकित करता है। ऋषियों द्वारा प्रदत्त आदि ग्रन्थ मे भी वृक्षो के संरक्षण व प्रकृति के महत्व को मानव जीवन से सम्बद्ध करते हुए जल,वायु,सूर्य, चन्द्र का हमारे दैनिक जीवन मे महत्वपूर्ण भूमिका पर वर्तमान परिदृश्य मे भी यथोचित योगदान स्पष्ट रूप उपस्थित है। हरित भारत – स्वस्थ भारत, सुन्दर भारत – उज्जवल भविष्य, सुरक्षित जीवन- गौमाता संरक्षण हमारी दिनचर्या का अभिन्न अंग हैं।सभी सहयोगियो को वृक्षारोपण मे सहयोग के लिए आभार सहित इन नवोदित वृक्षों की देखभाल के लिए भी अपेक्षा व्यक्त की।

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