संस्कृत को जन-जन की बोलचाल की सरल भाषा बनाने के प्रयासों को साधुवाद:अशोक बाजपेई

दैनिक इंडिया न्यूज़, लखनऊ: संस्कृतभारती अवध प्रांत के संपर्क प्रमुख जितेंद्र प्रताप सिंह के महानगर निवास पर पूर्व शिक्षामंत्री और पूर्व राज्यसभा सदस्य अशोक बाजपेई का आगमन विशेष प्रयोजन के अंतर्गत हुआ। इस अवसर पर संस्कृतभारती द्वारा संस्कृत को जन-जन की बोलचाल की सरल भाषा बनाने के प्रयासों पर विस्तृत चर्चा की गई। अशोक बाजपेई ने इन प्रयासों के लिए संस्कृतभारती को साधुवाद ज्ञापित किया और अपने महत्वपूर्ण विचार साझा किए।

अशोक बाजपेई ने अपने कार्यकाल के दौरान संस्कृत को रोजगारपरक बनाने के लिए किए गए प्रयासों को याद किया। उन्होंने बताया कि जब वे उत्तर प्रदेश के शिक्षामंत्री थे, तब संस्कृत भाषा को शिक्षा के माध्यम से रोजगारपरक बनाने के लिए उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद का गठन किया गया था। इस परिषद को प्राच्य भाषा विभाग से सम्बद्ध कर, संस्कृत को मुख्य धारा में लाने के प्रयास किए गए थे।

इस महत्वपूर्ण अवसर पर पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय संगठन मंत्री प्रमोद पंडित भी उपस्थित थे। उन्होंने भी संस्कृत भाषा की शिक्षा और इसके प्रचार-प्रसार के विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। जितेंद्र प्रताप सिंह ने इस अवसर पर अशोक बाजपेई से आग्रह किया कि वे संस्कृत से जुड़े समस्त महत्वपूर्ण विषयों को मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत करें और इस दिशा में एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करें।

अशोक बाजपेई ने संस्कृत भाषा को रोजगारपरक बनाने और नई शिक्षा नीति के अंतर्गत पाठ्यक्रम में व्यवसायिक प्रशिक्षण को शामिल करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने सुझाव दिया कि इस विमर्श के महत्वपूर्ण बिंदुओं को सारगर्भित रूप में एक पत्रक बनाकर पुनः चर्चा की जाए और मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाए।

अंत में, जितेंद्र प्रताप सिंह ने अशोक बाजपेई और प्रमोद पंडित को उनके विचारों और सुझावों के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया, और इस विमर्श को संस्कृत के प्रचार-प्रसार में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

Share it via Social Media

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *