सावन शिवरात्रि का महात्म्य: महादेव और श्री राम को भजने वाला देवत्व को प्राप्त होता है-राकेश

लोहिया नगर में सावन शिवरात्रि का भव्य आयोजन

दैनिक इंडिया न्यूज़ 2 अगस्त 2024 लखनऊ ।सावन शिवरात्रि हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे भगवान शिव की आराधना के लिए मनाया जाता है। सावन का महीना, जिसे श्रावण भी कहा जाता है, भगवान शिव को समर्पित है। इस महीने की शिवरात्रि का विशेष महत्व है क्योंकि यह भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक मानी जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह किया था, जिससे यह दिन उनके भक्तों के लिए विशेष हो गया।

लोहिया नगर के पार्षद राकेश मिश्रा ने इस पवित्र अवसर पर भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। महादेव के आराध्य प्रभु श्री राम भक्त हनुमान के परम श्रवण करने वाला श्री रामचरितमानस के सुंदरकांड का पाठ किया गया।

सुंदरकांड का पाठ हनुमान जी की वीरता और भगवान राम के प्रति उनकी भक्ति को दर्शाता है। इसे सुनने और समझने से भक्तों को मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है। कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ को बजाने वाला पापों से मुक्त हो जाता है और भगवान भोलेनाथ के साथ प्रभु श्री राम को अगर कोई बजाता है, तो उसे देवतत्व की प्राप्ति होती है।

सुंदरकांड के पाठ के बाद, राकेश मिश्रा द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। इस भंडारे में हजारों नगर वासियों के अलावा भाजपा बरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयं सेवकों ने बढचढ प्रसाद वितरण का कार्यक्रम में भाग लिया और प्रसाद का लुफ्त उठाया। राकेश मिश्रा ने कहा कि देवों के महादेव भोलेनाथ की कृपा समस्त कॉलोनी के ऊपर बरसती रहे, इसी उद्देश्य से यह आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि शिवरात्रि के इस महापर्व में भाग लेकर लोगों को अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव हुआ।

सावन शिवरात्रि के पौराणिक महत्व की बात करें तो यह दिन भगवान शिव के शिवलिंग रूप की विशेष पूजा का दिन होता है। भक्तजन इस दिन व्रत रखते हैं और शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, और भांग चढ़ाते हैं। यह भी कहा जाता है कि सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना करने से वे अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

लोहिया नगर में आयोजित इस कार्यक्रम ने पूरे क्षेत्र में धार्मिक और सामाजिक एकता की भावना को बढ़ावा दिया। राकेश मिश्रा द्वारा आयोजित इस सुंदरकांड पाठ और भंडारे ने लोगों को एक साथ मिलकर भगवान शिव की आराधना का अवसर प्रदान किया। भक्तों ने बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ इसमें भाग लिया और प्रसाद ग्रहण किया।

इस प्रकार के आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होते हैं, बल्कि समाज में सद्भाव और एकता को भी बढ़ावा देते हैं। भगवान शिव के प्रति भक्ति और श्रद्धा को दर्शाने वाले इस कार्यक्रम ने न केवल भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान की, बल्कि सामुदायिक समरसता को भी प्रबल किया।

लोहिया नगर के इस आयोजन ने सावन शिवरात्रि के महापर्व को और भी विशेष बना दिया। राकेश मिश्रा के इस प्रयास से लोगों में धार्मिकता के प्रति जागरूकता बढ़ी और उन्हें भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का अद्वितीय अवसर मिला। इस तरह के धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम समाज को एकजुट रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और आने वाली पीढ़ियों को भी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ते हैं।

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