दैनिक इंडिया न्यूज़, 31 Aug2024,हरदोई: थाना बेहटा गोकुल क्षेत्र के ग्राम पंचायत सकाहा में हाल ही में आम और नीम के पेड़ों की अवैध कटान का गंभीर मामला सामने आया है। ठेकेदार द्वारा 35 से 50 पेड़ों की कटान की गई, जो पर्यावरण संरक्षण के लिए चल रहे सरकारी अभियानों के बिल्कुल विपरीत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में ‘पेड़ लगाओ, जीवन बचाओ’ अभियान चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य पर्यावरण को हरा-भरा बनाना और प्रदेश को ऑक्सीजन समृद्ध बनाना है। लेकिन कुछ अधिकारियों की लापरवाही और चंद पैसों के लालच में यह अभियान असफल होता नजर आ रहा है।
इस साल की गर्मियों में प्रदेश में हीट स्ट्रोक की वजह से अचानक कई लोगों की मृत्यु हो गई थी, जिससे लोगों में दहशत फैल गई थी। अत्यधिक गर्मी के कारण लोगों की हालत इतनी खराब हो गई थी कि उनके घरों में लगे एसी भी ठीक से काम नहीं कर रहे थे। लोगों को शारीरिक और मानसिक कष्ट झेलने पड़े, और यह साफ है कि पर्यावरण में ऑक्सीजन की कमी इस स्थिति को और भी गंभीर बना रही है।
जब मीडिया ने इस अवैध कटान के बारे में वन विभाग के रेंजर से सवाल किया, तो उन्होंने उद्यान विभाग को इसकी अनुमति देने का जिम्मेदार ठहराया। लेकिन जब उद्यान विभाग से बात की गई, तो उन्होंने रेंजर के दावे को खारिज करते हुए कहा कि यह कटान उनके फर्जी हस्ताक्षर के आधार पर की गई है। पहले उन्होंने अपने कार्यालय के किसी क्लर्क पर संदेह जताया, लेकिन बाद में साफ किया कि उनके ऑफिस का कोई भी कर्मचारी इसमें शामिल नहीं है। यह स्थिति अधिकारियों की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की प्रवृत्ति और उनकी लापरवाही को दर्शाती है, जो आने वाले समय में और भी गंभीर पर्यावरणीय संकट का कारण बन सकती है।
पेड़ों की कटान का सीधा असर पर्यावरण पर पड़ता है। पेड़ों की कमी से ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी आती है, जिससे श्वसन संबंधी बीमारियां, जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, और यहां तक कि हृदय रोग भी बढ़ सकते हैं। इसके अलावा, तापमान में वृद्धि और वायु प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता है, जिससे जनजीवन और भी कठिन हो जाता है।
एक तरफ जहां सरकार प्रदेशभर में पेड़ लगाने के अभियान को बढ़ावा दे रही है, वहीं दूसरी ओर हरदोई प्रशासन पेड़ों की अवैध कटान में लिप्त नजर आ रहा है। सवाल उठता है कि क्या कुछ पैसों के लालच में पर्यावरण के साथ ऐसा खिलवाड़ किया जाना उचित है? जिस तरह से प्रदेश को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चलाना चाहते हैं, क्या अधिकारी उनके नेतृत्व को समझते नहीं हैं या समझना नहीं चाहते? यह सवाल भी अहम है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं उन प्रयासों को विफल कर सकती हैं। ऐसे में, मुख्यमंत्री से अपेक्षा है कि वे इस मामले में सख्त कार्रवाई करेंगे और जिम्मेदार अधिकारियों को उनके गलत कार्यों के लिए सजा दिलाएंगे। जनता इस सवाल का जवाब जानने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रही है।