C&AG ने जवाबदेही, पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा देने में निभाई अहम भूमिका: लोकसभा अध्यक्ष

तकनीक और नवाचार के साथ बदलते समय में भारत का C&AG विश्व का मार्गदर्शन कर रहा है: लोकसभा अध्यक्ष

सुदृढ़ वित्तीय अनुशासन मजबूत लोकतंत्र की नींव: लोकसभा अध्यक्ष

भारत की लेखापरीक्षा प्रणाली से सीखने के लिए विश्व के कई देश आ रहे हैं: लोकसभा अध्यक्ष

दैनिक इंडिया न्यूज़,नई दिल्ली, 17 नवंबर 2024: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने चौथे ऑडिट दिवस के अवसर पर नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (C&AG) की देश में जवाबदेही, पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा देने में अहम भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि C&AG ने 161 वर्षों की समृद्ध विरासत के दौरान चुनौतियों के साथ अपने कार्यों में बदलाव और नवाचार कर अपनी विश्वसनीयता को सशक्त बनाया है।

श्री बिरला ने अपने संबोधन में कहा कि प्रभावी लेखापरीक्षा प्रणालियाँ यह सुनिश्चित करती हैं कि सरकारी योजनाओं के लिए आवंटित निधियों का उपयोग कुशलतापूर्वक हो। उन्होंने कहा, “सुदृढ़ वित्तीय अनुशासन मजबूत लोकतंत्र का आधार है, और C&AG इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।” उन्होंने यह भी बताया कि संसद सदस्य C&AG की रिपोर्ट पर गहन चर्चा करते हैं ताकि जनता के धन का विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।

भारत की लेखापरीक्षा प्रणाली पर विश्व की नज़र

लोकसभा अध्यक्ष ने C&AG को ASOSAI महासभा के सफल आयोजन और 2024-2027 के कार्यकाल के लिए ASOSAI की अध्यक्षता संभालने पर बधाई दी। उन्होंने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह C&AG की वैश्विक स्तर पर उच्च विश्वसनीयता का प्रमाण है। उन्होंने बताया कि दुनिया के कई देशों के अधिकारी भारत की लेखा परीक्षा प्रणाली का अध्ययन करने और उससे सीखने के लिए भारत आते हैं।

श्री बिरला ने यह भी कहा कि लोकसभा सचिवालय के प्राइड संस्थान ने 50 से अधिक देशों के अधिकारियों को भारत की लेखापरीक्षा प्रणालियों के अध्ययन के लिए प्रशिक्षित किया है।

लेखापरीक्षा के व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता

संसदीय समितियों, विशेष रूप से लोक लेखा समिति (PAC) की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कहा कि इन समितियों में रिपोर्टों पर की जाने वाली चर्चा ने वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता को मजबूत किया है। श्री बिरला ने PAC के अध्यक्ष के रूप में विपक्ष के वरिष्ठ सदस्य को नामित करने की परंपरा को भारतीय लोकतंत्र की ताकत बताते हुए सराहा।

उन्होंने कहा, “पहले लेखापरीक्षा को केवल आलोचना का माध्यम माना जाता था, लेकिन आज यह संस्थानों को अधिक जवाबदेह और पारदर्शी बनाने का उपकरण बन गया है।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि लेखापरीक्षा से वित्तीय अनुशासन को प्रोत्साहन मिला है।

तकनीक और नवाचार के साथ भविष्य की तैयारी

श्री बिरला ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य नई तकनीकों को अपनाकर C&AG ने अपनी प्रणालियों को सशक्त और प्रभावी बनाया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य में C&AG अन्य संस्थानों को दक्षता और पारदर्शिता में सुधार के लिए मार्गदर्शन देता रहेगा।

कार्यक्रम में C&AG के योगदान की सराहना करते हुए श्री बिरला ने कहा कि बदलते समय में C&AG तकनीक और नवाचारों के माध्यम से न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए मार्गदर्शक साबित हो रहा है।
इस अवसर पर C&AG गिरीश चंद्र मुर्मू, लोक लेखा समिति के अध्यक्ष, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। साथ ही विभिन्न देशों के राजनयिकों और विशेषज्ञों ने भी भाग लिया।

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