मंडी शुल्क न्यूनतम होने के बावजूद राजस्व संग्रह में बढ़ोतरी, राजस्व किसानों के हित में व्यय किया जाएगा: मुख्यमंत्री
दैनिक इंडिया न्यूज़ लखनऊ, 16 जुलाई 2024 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के संचालक मंडल की 170वीं बैठक संपन्न हुई। बैठक में मुख्यमंत्री ने किसानों के हित संरक्षण को सुनिश्चित करते हुए विभिन्न दिशा-निर्देश जारी किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी शुल्क न्यूनतम होने के बावजूद मंडियों से राजस्व संग्रह में बढ़ोतरी हुई है, जो सराहनीय है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में लगभग 1862 करोड़ रुपये की आय हुई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि यह राजस्व किसानों के हित में ही व्यय किया जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि नवस्थापित प्रसंस्करण इकाई को मंडी शुल्क से छूट देने की व्यवस्था का सरलीकरण किया जाए। अब इकाई द्वारा आवेदन सीधे जिला मजिस्ट्रेट को किया जाएगा और जिला मजिस्ट्रेट द्वारा अगले 7 दिनों में रिपोर्ट के लिए मंडी समिति को भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि गोरखपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बरीपाल और मुरादाबाद की मंडी समितियों में खाद्य तेलों पर यूजर चार्ज समाप्त किया जाए। नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद, नगर निगम में स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप अच्छे हाट-पैठ बनाए जाएं। मंडियों में साफ-सफाई, जल निकासी, प्रकाश, शौचालय, पेयजल की समुचित व्यवस्था तथा किसानों के लिए विश्राम कक्ष और सस्ते दर वाली कैंटीन की व्यवस्था होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी परिषद एवं मंडी समितियों में विभिन्न विभागीय संपत्तियों की नीलामी ‘ई-ऑक्शन’ द्वारा की जाए। मंडी परिषद द्वारा त्रैमासिक न्यूज़लेटर का प्रकाशन कराया जाए, जो डिजिटल भी हो और इसे किसानों को उपलब्ध कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडियों में कोल्ड रूम तैयार कराया जाए, जिससे किसान अपनी फसल को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकें। चारों राज्य कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयों में टिशू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना की जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि उपकार जैसी संस्थाओं को और व्यवस्थित तथा उपयोगी बनाए जाने की आवश्यकता है। यहां विशेषज्ञों की तैनाती हो, नवाचार को प्रोत्साहन मिले और शोध-अनुसंधान की नई गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य मंडी परिषद द्वारा किसान हित में अनेक नवाचार किए गए हैं और कृषि विपणन के लिए मंडियों की उपयोगिता बढ़ी है। राज्य सरकार द्वारा किसान कल्याण की अनेक योजनाएं भी संचालित की जा रही हैं। इन सभी विषयों को समाहित करते हुए मंडी परिषद द्वारा त्रैमासिक न्यूज़लेटर का प्रकाशन कराया जाए और इसे किसानों को डिजिटल रूप में उपलब्ध कराया जाए।