
84 अधिकारियों का वेतन रोका, गयास्थलीय निरीक्षण कर संतोषजनक फीडबैक सुनिश्चित करने के निर्देश, लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी
दैनिक इंडिया न्यूज़, मऊ ।जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में IGRS (इंटीग्रेटेड ग्रिवेंस रिड्रेसल सिस्टम) पर प्राप्त शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध निस्तारण को लेकर कड़ा संदेश दिया गया। बैठक में जनपद, तहसील एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों सहित संबंधित पटल प्रभारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि अब लापरवाही या सतही समाधान किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने दो-तीन माह से मऊ जिले की प्रदेश स्तरीय रैंकिंग में गिरावट पर नाराजगी जताते हुए कहा कि शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में भारी लापरवाही और असंतोषजनक फीडबैक के कारण जनपद की छवि धूमिल हुई है। उन्होंने बताया कि राजस्व और पुलिस विभाग से जुड़ी शिकायतें सर्वाधिक हैं, जिनका निस्तारण स्थलीय निरीक्षण और शिकायतकर्ता से संवाद के बिना किया जा रहा है।
सख्ती बरतते हुए जिलाधिकारी ने बताया कि गुणवत्ता विहीन निस्तारण और फीडबैक में गिरावट के चलते 84 अधिकारियों का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आगे भी शिकायतों का समाधान लापरवाही से किया गया या फीडबैक असंतोषजनक रहा, तो इससे भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों, क्षेत्राधिकारियों सहित अन्य विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक शिकायत का स्थलीय निरीक्षण कर उसका प्रामाणिक और तर्कसंगत समाधान सुनिश्चित करें। साथ ही, शिकायतकर्ता से बात कर उनकी संतुष्टि की पुष्टि अनिवार्य रूप से की जाए।
ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर आशीष मिश्रा ने बैठक में IGRS निस्तारण के 11 प्रमुख बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की और अधिकारियों को प्रशिक्षित किया, ताकि न सिर्फ निस्तारण की गुणवत्ता सुधरे, बल्कि जनपद की रैंकिंग में भी सकारात्मक सुधार लाया जा सके।
अंत में जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि शिकायतों को गंभीरता से न लेने, निर्धारित समयसीमा में समाधान न देने और फीडबैक की गुणवत्ता में सुधार न करने पर लापरवाह अधिकारियों को चिन्हित कर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में जिले के समस्त संबंधित अधिकारी, तहसील और ब्लॉक स्तरीय अधिकारी एवं पटल प्रभारी उपस्थित रहे।