पुलिस विभाग को लज्जित करने वाला इस कृत्य पर SP ने लिया सख्त एक्शन, SHO/SSI सस्पेंड
एसपी की पुलिसकर्मियों को चेतावनी : अब उन्हें डंडे की भाषा में ही समझाना पड़ेगा
दैनिक इंडिया न्यूज ऐश्वर्य उपाध्याय लखनऊ : जिले के एट क्षेत्र में न्याय की गुहार लगाये भटक रही बलात्कार पीड़िता ने एफआईआर न लिखने की शिकायत की, जिसके परिणामस्वरूप जिले के एसपी ने एट थाने के SHO और SSI को वायरलेस पर ही सस्पेंड कर दिया। उन्होंने उन अधिकारियों को कठोरतापूर्वक अल्टीमेटम देते हुए कहा कि इस गंभीर मामले में पुलिस का यह आचरण किसी भी प्रकार से सही नहीं है। एसपी ने पुलिसकर्मियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अब उन्हें डंडे की भाषा में ही समझाना पड़ेगा। उन्होंने कहा है कि रेप जैसी घटना में पीड़िता पर समझौते का दबाव बनाना पुलिस को शर्मिंदा करने वाला कृत्य है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को चेताते हुए सख्त शब्दों में कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ अब विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
पीड़िता के परिवारीजनों का आरोप- रेप आरोपियों को बचा रही थी पुलिस
जालौन जिले के एट क्षेत्र में बलात्कार पीड़ित के पिता ने मंगलवार को फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। इस मामले में एट के प्रभारी निरीक्षक और उपनिरीक्षक कोतवाली एट को निलंबित कर दिया गया है। कोतवाली एट के गांव अकोढ़ी में रेप पीड़िता की मां ने बताया कि वह अपने पति के साथ पंजाब के एक शहर में पानी पूरी का काम करके अपने परिवार का पालन-पोषण करती हैं। वह अपने पति के साथ पंजाब गई हुई थीं। उसके घर पर उसकी पुत्री और सास रहती हैं। पिछले 28 मार्च को गांव के देवेंद्र और गोलू ने उसकी पुत्री के साथ बलात्कार किया। पीड़िता की मां और पिता 30 मई को पंजाब से लौटकर अपने घर गांव अकोढ़ी पहुंचे, तो पीड़िता की दादी और पीड़ित पुत्री ने घटना की जानकारी दी।
पुलिस दबाव बनाती है और समझौते की मांग करती है। बालात्कार की पीड़िता पर
पीड़ित के पिता ने 31 मई को कोतवाली में जाकर (बिटिया पर हुए) बलात्कार की घटना के खिलाफ शिकायती पत्र दिया। कोतवाल नरेंद्र कुमार गौतम को शिकायती पत्र दिया, लेकिन कोतवाल ने पीड़ित पक्ष पर कोई कार्रवाई करने की बजाय आरोपी पक्ष से समझौते की मांग करनी शुरू कर दी। इससे परेशान होकर पीड़ित के पिता पुलिस अधीक्षक डॉक्टर ईरज राजा के पास गए और अपनी आपबीती की परेशानियों को उन्हें बताया।
मुख्यमंत्री पोटर्ल पर पीड़िता के पिता ने की थी शिकायत
पुलिस अधीक्षक ने पीड़ित के पिता से कहा कि वे कोतवाली में फिर से जाएं। पुलिस अधीक्षक के आदेश का पालन करते हुए, पीड़ित के पिता कोतवाली पहुंचे तो प्रभारी निरीक्षक ने उन्हें डांटते हुए कहा कि वे भाग जाएं, अन्यथा वह उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर देंगे। पीड़ित के पिता कोतवाल के व्यवहार से असंतुष्ट होकर अपनी पूरी परेशानी को मुख्यमंत्री को रिपोर्ट कर दी।
न्याय की गुहार लगाकर निराश हुए पीड़िता के पिता ने की सुसाइड
आईजीआरएस से आख्या अधीक्षक के पास आई मगर लेकिन अपनी बेटी के साथ हुए अन्याय के लिए पुलिस विभाग के चक्कर काटकर निराश हुए पीड़ित के पिता ने एक बड़ा कदम उठा लिया। गांव के बाहर एक पेड़ से रस्सी बांधकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से ग्रामीण लोग आक्रोशित हो गए और प्रभारी निरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। इसके साथ ही आत्महत्या की सूचना मुख्यमंत्री पोटर्ल को भी दी गई। जनआक्रोश को देखते हुए, अधीक्षक ने तत्काल क्षेत्राधिकारी कोच शैलेंद्र कुमार बाजपेई को नियुक्त किया। जांच के बाद क्षेत्राधिकारी ने शिकायती पत्र में लगाए गए आरोपों को सत्यापित किया। पूर्ण घटना के आधार पर जांच हुई जिसमें एस पी ने बीते मंगलवार को प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र कुमार गौतम को उप-निरीक्षक अशोक कुमार सिंह कोतवाली में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। फिलहाल पूरी घटना की जांच विवरण के आधार पर की जा रही है, और जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।