मुख्यमंत्री ने सचिवालय प्रशासन की समीक्षा किया, शासन की सेवाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित

दैनिक इंडिया न्यूज लखनऊ।मुख्यमंत्री ने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में सचिवालय प्रशासन विभाग के कार्यों की समीक्षा की और व्यापक जनहित में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। जनसुनवाई पोर्टल आई0जी0आर0एस0, मुख्यमंत्री राहत कोष पोर्टल, ई-कैबिनेट, ई-ऑफिस, प्रोटोकॉल पोर्टल जैसी सेवाओं से शासन की कार्यप्रणाली सरल हुई है। इससे आमजन को शासन की सेवाओं की सहज उपलब्धता तथा शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है। सचिवालय में स्वच्छ एवं कुशल प्रशासन तथा पारदर्शी, समयबद्ध व निष्पक्ष तरीके से शिकायतों का निस्तारण प्रदेश के अन्य राजकीय कार्यालयों को बेहतर प्रयास के लिए प्रेरित करता है। इस महती जिम्मेदारी के साथ सचिवालय की व्यवस्था को आदर्श बनाने के प्रयास किए जाएं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्य में सुगमता और व्यवस्था की सहजता के दृष्टिगत विभागों के पुनर्गठन पर विचार किया जाना चाहिए। वर्तमान में सचिवालय प्रशासन 93 विभागों के प्रबंधन का कार्य कर रहा है। एक जैसी प्रकृति वाले विभागों को एकीकृत करने की आवश्यकता है। इससे न केवल कामकाज सरल होगा, बल्कि कार्मिकों की प्रतिभा का बेहतर उपयोग भी हो सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्य में सुगमता और व्यवस्था की सहजता के दृष्टिगत विभागों के पुनर्गठन पर विचार किया जाना चाहिए। वर्तमान में सचिवालय प्रशासन 93 विभागों के प्रबंधन का कार्य कर रहा है। एक जैसी प्रकृति वाले विभागों को एकीकृत करने की आवश्यकता है। इससे न केवल कामकाज सरल होगा, बल्कि कार्मिकों की प्रतिभा का बेहतर उपयोग भी हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय भवनों में आम आदमी को उनके प्रकरण के संबंध में जानकारी लेने, शिकायती पत्र देने अथवा अन्य प्रकार की सहायता के लिए हेल्प डेस्क बनायी जाए। यह हेल्प डेस्क मुख्य परिसर से बाहर हो, ताकि साधारण व्यक्ति भी यहां आसानी से पहुंच सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय में ई-ऑफिस प्रणाली को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। फाइलों का निस्तारण समय सीमा के भीतर हो। यह सुनिश्चित किया जाए कि हर कर्मचारी समय पर कार्यालय में उपस्थित हो और तय समय के बाद ही कार्यालय छोड़े। सचिवालय सेवा के रिक्त पदों पर नियुक्ति में देरी न हो। रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए बिना विलम्ब अधियाचन भेजा जाए। पदोन्नति शासकीय सेवा का अनिवार्य हिस्सा है, हर कर्मचारी को नियत समय पर इसका लाभ मिलना चाहिए। पदोन्नति की प्रक्रिया अनावश्यक लम्बित न रखी जाए। स्थानांतरण नीति का पूरी पारदर्शिता के साथ अनुपालन किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलते समय के साथ कार्मिकों की क्षमता के बेहतर उपयोग के लिए नियमित अंतराल पर क्षमता अभिवृद्धि कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। प्रशिक्षण से कार्मिकों का कौशल बढ़ेगा और कामकाज बेहतर हो सकेगा। सचिवालय भवनों की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए जाएं। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि एक भी व्यक्ति बिना विधिवत अनुमति के सचिवालय परिसर में प्रवेश न करे। सी0सी0टी0वी0 के माध्यम से पूरी निगरानी की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय के सभी भवनों में स्वच्छ परिवेश हो। अनुभाग में दस्तावेजों/कार्यालयी प्रपत्र व्यवस्थित हों। इस संबंध में भी कार्मिकों को जागरूक किया जाए। सचिवालय का बाहरी परिसर हो, अनुभाग हो या अन्य कार्यालय, हर जगह साफ-सफाई और सुव्यवस्था हो। विभिन्न कार्यों में तैनात आउटसोर्सिंग कार्मिकों ने उत्कृष्ट कार्य किया है। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी कार्मिकों का मानदेय समय पर मिले।

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