◆ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की राजस्व विभाग की समीक्षा, अधिकारियों को दिए दिशा निर्देश
◆घरौनियों के वितरण में तेजी लाएं : योगी आदित्यनाथ
◆लेखपाल और कानूनगो की कार्य पद्धति को समयबद्ध किया जाए
◆किसानों के हितों को ध्यान में रखकर चकबंदी की प्रक्रिया को पारदर्शिता के साथ पूरा करें
◆वज्रपात की पूर्व चेतावनी के लिए आईआईटी कानपुर के सहयोग से सूचना प्रणाली करें विकसित
◆ चकबंदी विभाग के लेखपालों को आवश्यकता अनुसार राजस्व विभाग में समायोजित किया जाए
दैनिक इंडिया न्यूज़ लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लोक भवन में राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की एवं प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रदेश की सभी तहसीलों में कोर्ट की आवृत्ति बढ़ाई जाए और राजस्व से जुड़े विवादों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जाए। मुख्यमंत्री ने तहसील कर्मियों की कार्यपद्धति को भी समयबद्ध करने के निर्देश देते हुए, सबकी जवाबदेही तय करने के लिए कहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तहसीलों में पैमाइश, उत्तराधिकार/वरासत, म्यूटेशन और कृषि भूमि का गैर कृषि भूमि में परिवर्तन के मामलों को शीर्ष प्राथमिकता पर रखते हुए निस्तारित किया जाए। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों को घरौनियों के वितरण में तेजी लाने के निर्देश भी दिए। सीएम योगी ने प्रदेश के गाँव मे चकबंदी की प्रकिया के दौरान किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चकबंदी की प्रक्रिया को पारदर्शिता के साथ पूरा किया जाए। इसके उन्होंने आवश्यकता अनुसार चकबंदी विभाग के लेखपालों को राजस्व विभाग में समायोजित करने के भी निर्देश दिए जिससे राजस्व से संबंधित विवादों का शीघ्रता के साथ निस्तारण किया जा सके। उन्होंने वज्रपात की पूर्व चेतावनी के लिए आईआईटी कानपुर के सहयोग से सूचना प्रणाली विकसित करने के भी निर्देश दिए।
राजस्व विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश में उपलब्ध भू मानचित्रों में से 97.22 प्रतिशत कार्य डिजिटलाइज्ड हो चुका है। इसे मुख्यमंत्री ने हर हाल में दिसम्बर तक शत प्रतिशत पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने जीर्णशीर्ण भू मानचित्रों का ड्रोन सर्वे कराकर भू अभिलेखों का शुद्धिकरण एवं मानचित्रों की उपलब्धता तय समय से पहले पूरी की जाए। मुख्यमंत्री ने रबी की फसलों का शत प्रतिशत डिजिटल क्रॉप सर्वे कराने का भी निर्देश दिया। प्रदेश में 66619.24 हेक्टेयर भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराई गई है। मुख्यमंत्री ने पिछले 10 साल से अधिक समय से सार्वजनिक भूमि पर अधिवास कर रहे गरीब, वंचित व दलित असहाय व्यक्तियों को भूमि का पट्टा देने के भी निर्देश दिए, इसपर अधिकारियों ने बताया कि अबतक 18 हजार से ज्यादा गरीबों को पट्टा प्रदान किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और लेखपालों के रिक्त पदों पर पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के जरिये भरने के निर्देश दिए। उन्होंने खतौनी एवं अन्य प्रमाणपत्र में आधार सीडिंग की प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिये, जिससे भू अभिलेखों में पारदर्शिता और किसी व्यक्ति द्वारा प्रदेश में धारित सभी भूमियों का विवरण एक क्लिक में उपलब्ध हो सके। इसके अलावा स्वामित्व से उपलब्ध जियो रिफ्रेण्डस घरौनी को फैमिली आईडी से जोड़ने के निर्देश दिए। जिससे भविष्य में निवास प्रमाणपत्र जारी करने में सुगमता हो। उन्होंने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था को जल्द से जल्द सुनिश्चित करने के लिए कहा।