राष्ट्र को सशक्त बनाना है तो करें मतदान -जेपी सिंह

दैनिक इंडिया न्यूज़ लखनऊ :1मई विश्व मजदूर दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय सनातन महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी सिंह ने मतदान के प्रति जागरूकता अभियान चलाकर कहा कि राष्ट्र सर्वोपरि है। सत्ता या सरकार नहीं। अपने महानगर आवास पर गोष्ठी किया, गोष्ठी ने नारी शक्ति में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सियासी कुचक्र से सचेत रहते हुए आगामी चुनाव में अपने मत का इस्तेमाल करें। क्योंकि राजनीतिक दलों ने फिर से एक बार जातिवाद की ओर धकेलने का कार्य करेंगे। जिसमें फंसना नहीं है, समाज और राष्ट्र निर्माण के लिए अपने मत का इस्तेमाल करना है। जेपी सिंह ने अपने संबोधन में स्वर्गीय अशोक सिंघल व स्वर्गीय कल्याण सिंह को याद करते हुए कहा, कि यदि सनातनी हिंदू समाज में प्रतिवर्ष ऐसी दो शख्सियत पैदा हो जाए तो दुनिया की कोई भी ताकत सनातन धर्म को हिला नहीं सकती है।

अपने संबोधन में श्री सिंह कहा कि अब हथियारों से युद्ध नहीं लड़ जाते हैं। आज के समय में झूठ के मकड़जाल से लड़ाई लड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृत में कर्म और त्याग महत्वपूर्ण है। क्षत्रिय श्रीराम ने ब्राह्मण का वध किया लेकिन श्रीराम ब्राह्मणों के आराध्य हैं। 70 साल तक सत्ता का चुनाव करते वक्त हमने जातियों को महत्व देकर वोट दिया। अब सुधार शुरू हुआ है। कुछ राजनीतिक लोग हमें दोबारा उसी एजेंडे पर ले जाना चाहते हैं ऐसे लोगों से सावधान रहना है।

अपने सनातनी होने का बोध करायें

जेपी सिंह ने अपने संबोधन में कहा अब मौन रह कर सब को सुनने का वक्त नहीं है। हमारा और आपका मौन तमाम समस्याओं की वजह बना है। 2014 में पहली बार देश के सनातनियों ने अपने होने का बोध कराया। वरना इससे पहले हमारी चुप्पी के ही चलते हम बरसों गुलाम रहना पड़ा है। यहां तक कि गुलाम वंश भी हम पर शासन करके चला गया। उन्होंने लोगों से कहा कि वह अपने होने का गर्व करें और कराएं भी। यहाँ जो भी मुद्दे उठ रहे हैं, उनकी अपनों के बीच जहां भी मौका मिले चर्चा जरूर करें। यह बातें सत्ता तक पहुंचती है और उसके परिणाम भी सामने आते हैं। 1991 में नरसिम्हा राव सरकार ने मुस्लिम हमलावरों द्वारा तोड़े गए मंदिरों को यथास्थिति बनाए रखने वाले अध्यादेश, 1992 में अल्पसंख्यक आयोग बनाए जाने, 1995 में बफ्फ प्रॉपर्टी एक्ट में बदलाव करने और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर हुए बिनाअसंवैधानिक तरीके से सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने जैसे विषयों को चर्चा बनाये जाने को कहा। उन्होंने कहा कि ऐसा करके आप देश में बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं।

21 अक्टूबर 1943 को आजाद हो गया था देश

श्री सिंह ने कहा कि भारत तो 21 अक्टूबर 1943 को ही आजाद हो गया था। तब नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने ना केवल आजाद भारत की पहली सरकार का गठन किया था बल्कि करेंसी में जारी कर दी थी। दुनिया के 9 देशों ने उसे मान्यता भी दे दी थी। लेकिन सत्ता के लालची अंग्रेजों के चाटुकारों ने 1947 में आजादी स्वीकार की। और उस आजादी के आते-आते नेताजी सुभाष चंद्र बोस को ही गायब कर दिया।

अपनी संस्कृति पर शर्म छोड़ें गर्व करें

जेपी सिंह ने कहा कि हम सनातन धर्म के अनुयायियों को आज हिंदी बोलने, तिलक लगाने और धोती पहनने में शर्म आती है। हम अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ाने में स्वयं को सम्मानित महसूस करते हैं। ऐसा समाज राष्ट्रवादी पीढ़ी को जन्म नहीं दे सकता। उन्होंने कहा कि हमें इस हीन भावना और शर्म से बाहर आना होगा। अपनी सनातनी परंपराओं, वेशभूषा, भाषा और रहन-सहन पर गर्व करते हुए इसे अपनाना होगा। कुलश्रेष्ठ ने कहा कि देश के आजाद होने के 70 साल बाद हम इतने पीछे क्यों हैं, इसके कारण तलाशने होंगे। राजनीतिक दलों केपीछे दौड़ना बंद कीजिए। सत्ता स्वयं आपके सामने झुकना शुरू कर देगी। उन्होंने कहा कि अक्सर एक वर्ग देश खतरे में है का नारा लगाने लगता है। देश तो जमीन का एक टुकड़ा भरा है, कई बार टूटा लेकिन राष्ट्र नहीं है। राष्ट्र सर्वोपरि है सत्ता या सरकार नही।उन्होंने कहा कि जाति व्यवस्था समाज को चलाने के लिए बनाई गई है, बाद में इसे हम धार्मिक व्यवस्था बना दिया है।

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