दैनिक इंडिया न्यूज़ ,लखनऊ ।हाल ही में अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास और अयोध्या के डीएम के बीच एक बड़ा विवाद सामने आया है। महंत राजू दास ने भाजपा और सरकार की नीतियों पर तीखी आलोचना करते हुए कहा कि अगर काशी और मथुरा में मंदिर निर्माण जल्द नहीं हुआ तो वे सरकार बदलने की धमकी दे सकते हैं। उन्होंने अयोध्या में भाजपा की हार पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि अयोध्या की जनता ने भाजपा को निराश किया है, और यह पार्टी के वादों पर अविश्वास का संकेत है।
महंत राजू दास ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे अपने वादों को पूरा करने में असफल रहे हैं और कहा कि यदि भगवान राम ने रामायण में अयोध्या के लोगों को युद्ध में शामिल नहीं किया होता तो अच्छा होता, क्योंकि वे सोने के लालच में रावण से समझौता कर लेते। इस बयान ने धार्मिक और राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
सरकार और भाजपा ने इस विवाद को गंभीरता से लिया है। भाजपा नेताओं ने कहा कि काशी और मथुरा में मंदिर निर्माण की प्रक्रिया जारी है और महंत राजू दास के बयानों को गलत समझा गया है। उन्होंने पार्टी की नीतियों का समर्थन करते हुए विवाद को शांत करने की कोशिश की है।
इस विवाद ने दिखाया कि धार्मिक नेताओं की राजनीतिक प्रभाव अब भी महत्वपूर्ण है और उनकी आलोचनाएं राजनीतिक दलों के लिए गंभीर चुनौतियां पेश कर सकती हैं। भाजपा ने महंत राजू दास के साथ संपर्क बढ़ाने और उनके मुद्दों को सुलझाने का प्रयास किया है ताकि यह विवाद और न बढ़े ।