उत्तर प्रदेश में शिक्षण प्रशिक्षण में नवाचार: जितेन्द्र प्रताप सिंह की अग्रणी भूमिका

दैनिक इंडिया न्यूज़ लखनऊ लखनऊ: उत्तर प्रदेश में शिक्षण और प्रशिक्षण के क्षेत्र में नवाचार और सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के सदस्य जितेन्द्र प्रताप सिंह ने प्रदेश के प्रसिद्ध शिक्षाविद पवन सिंह चौहान से शिष्टाचार भेंट की। पवन सिंह चौहान (जो वर्तमान में विधान परिषद के सदस्य हैं) ने इस मुलाकात के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलावों और नवाचारों पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

जितेन्द्र प्रताप सिंह और पवन सिंह चौहान के बीच हुई इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार की नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रमों में व्यवसायिक डिप्लोमा और अन्य विधाओं को शामिल करने के प्रयासों पर चर्चा की गई। सरकार निरंतर शिक्षाविदों से सलाह लेकर प्रशासनिक प्रबंधन और सकारात्मक निर्णय लेने की दिशा में सक्रिय है। इस संदर्भ में जितेन्द्र प्रताप सिंह और अन्य जन प्रतिनिधियों ने पवन सिंह चौहान के साथ विचार-विमर्श किया।

पवन सिंह चौहान, जो एस आर जी आई विश्वविद्यालय का निर्माण करा रहे हैं, ने अपने व्यक्तिगत अनुभव और बेसिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा के लिए किए गए कार्यों को साझा किया। उनके सुझावों को जितेन्द्र प्रताप सिंह ने माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के लिए महत्वपूर्ण माना। चौहान ने शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर किए गए अपने कार्यों को साझा करते हुए बताया कि कैसे ये नवाचार शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बना सकते हैं।

इस बैठक में चौहान ने प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में किए गए अपने अनुकरणीय और प्रशंसनीय कार्यों को भी विस्तार से बताया। उनके अनुभवों और सुझावों से जितेन्द्र प्रताप सिंह ने शिक्षा परिषद के लिए उपयोगी विचार प्राप्त किए। यह विचार-विमर्श उत्तर प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

बैठक के दौरान चर्चा का एक महत्वपूर्ण बिंदु नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षण प्रशिक्षण में हो रहे सुधार थे। भारतीय जनता पार्टी की सरकार, नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा प्रणाली में विभिन्न व्यवसायिक डिप्लोमा और अन्य विधाओं को शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह नीति शिक्षाविदों और शिक्षा प्रबंधकों के साथ मिलकर बनाई गई है ताकि शिक्षा का स्तर और गुणवत्ता दोनों में सुधार हो सके।

बैठक के अंत में दोनों पक्षों ने आभार व्यक्त किया और विमर्श को सकारात्मक रूप से संपन्न किया। जितेन्द्र प्रताप सिंह ने पवन सिंह चौहान के योगदान और सुझावों की सराहना की और उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण मान्यता दी।

यह बैठक उत्तर प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में हो रहे परिवर्तनों और सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार और शिक्षाविद मिलकर शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस प्रकार की विचार-विमर्श बैठकों से शिक्षा प्रणाली में आवश्यक सुधार और नवाचार संभव हो सकते हैं, जो अंततः छात्रों के लिए फायदेमंद साबित होंगे।

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