संस्कृत भाषा उन्नयन और सनातन विचारधारा के प्रचार-प्रसार पर जोर–जितेंद्र प्रताप सिंह
लखनऊ, 3 अगस्त 2024 (दैनिक इंडिया न्यूज़)संस्कृतभारती अवधप्रांत संगठन के संपर्क प्रमुख जितेंद्र प्रताप सिंह ने मेजर वी. के. खरे, न्यासी, गायत्री परिवार, शांतिकुंज हरिद्वार के साथ उत्तर भारत के श्रेष्ठतम श्वास तंत्र विशेषज्ञ डॉ. बी. पी. सिंह से भेंट की। इस भेंट का उद्देश्य देववाणी संस्कृत भाषा को उन्नत करना और समाजोपयोगी बनाना था। इस अवसर पर गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र वाद्ययंत्र डॉ. बी. पी. सिंह को प्रदान कर उन्हें भाषा प्रबोधन से अभिसिंचित किया गया।
मेजर वी. के. खरे और जितेंद्र प्रताप सिंह के संयुक्त तत्वावधान में इस भेंट का आयोजन हुआ, जिसका उद्देश्य संस्कृत भाषा के उन्नयन हेतु सनातन विचारधारा को बढ़ावा देना था। यह विचारधारा एक तरफ प्राचीन ग्रंथों के अनुसंधान की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ आधुनिक विज्ञान के साथ सामंजस्य स्थापित करती है।
डॉ. बी. पी. सिंह चिकित्सा क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध नाम होने के साथ-साथ एक वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान भी संचालित करते हैं। इस वैज्ञानिक अनुसंधान में संस्कृत के प्राचीन चिकित्सीय साहित्य, विशेष रूप से ‘दस चिकित्सा’ नामक चिकित्सा ग्रंथों पर अध्ययन किया गया है। इन ग्रंथों में चरक-संहिता और सुश्रुत-संहिता जैसे महत्वपूर्ण ग्रंथ शामिल हैं, जिनका श्रेय क्रमशः चरक और सुश्रुत को दिया जाता है। डॉ. सिंह का प्रयास आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में इन प्राचीन ग्रंथों से संदर्भ लेना और उनका प्रयोग करना है, जो अत्यंत प्रशंसनीय और अनुकरणीय है।
इस भेंट से संस्कृत भाषा और साहित्य अध्ययन के प्रति समाज में एक नई प्रेरणा उत्पन्न होगी। जितेंद्र प्रताप सिंह ने डॉ. बी. पी. सिंह और मेजर वी. के. खरे का संस्कृत प्रचार-प्रसार में सहयोग देने के लिए आभार व्यक्त किया।