दैनिक इंडिया न्यूज़,अयोध्या।दुष्कर्म की शिकार किशोरी के घर वालों ने गर्भपात की सहमति दे दी है, और पुलिस ने आरोपितों को दंड दिलाने के लिए डीएनए जांच करने का भी निर्णय लिया है। परिवार की सहमति के बाद सोमवार को सुबह 11 बजे अयोध्या से सीएमओ संजय जैन किशोरी को लेकर लखनऊ रवाना हुए। दोपहर बाद तीन बजे उसे गर्भपात व बेहतर उपचार के लिए कड़ी सुरक्षा में लखनऊ के क्वीनमेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इस मामले के आरोपित समाजवादी पार्टी के भदरसा नगर पंचायत अध्यक्ष मोईद खान और उसके सहयोगी राजू को पहले ही जेल भेजा जा चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेकर पीड़ित परिवार से भेंट की थी और सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया था, जिसके बाद आरोपित की अतिक्रमण कर बनाई गई बेकरी पर बुलडोजर चलाया गया। अन्य संपत्तियों की भी जांच चल रही है।
किशोरी के परिवार ने बेहतर चिकित्सा की मांग की थी, जिस पर उसे लखनऊ में इलाज का भरोसा दिया गया। गर्भपात पर निर्णय लेने के लिए बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की ओर से नियुक्त सहायक ने स्वजन की सहमति ली और रिपोर्ट समिति के अध्यक्ष सर्वेश अवस्थी को सौंप दी। अध्यक्ष ने बताया कि चिकित्सकीय गर्भ समापन अधिनियम 1971 के अंतर्गत हुए संशोधन में यह प्रावधान है कि यदि पीड़िता का गर्भ 24 सप्ताह से कम का है, तो गर्भ समापन के लिए किसी विशेष अनुमति की आवश्यकता नहीं है। संबंधित प्रकरण में किशोरी का गर्भ 12 से 13 सप्ताह का है।
किशोरी को न्याय दिलाने के लिए बाल कल्याण समिति उसे निशुल्क विधिक सहायता भी उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना में किशोरी की आयु 22 वर्ष पूर्ण होने तक 2500 रुपये प्रति माह जबकि स्पांसरशिप योजना में 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक हर माह चार हजार रुपये की सहायता राशि मिलेगी। एसएसपी राजकरन नय्यर ने कहा कि अकाट्य साक्ष्य एकत्र करने के लिए पुलिस फॉरेंसिक जांच कराएगी, जिसमें डीएनए टेस्ट भी शामिल होगा ताकि आरोपितों को कठोरतम दंड दिलाया जा सके।
डीएनए टेस्ट के लिए न्यायालय की अनुमति लेना आवश्यक होता है। आरोपितों का आपराधिक इतिहास भी खंगाला जा रहा है, ताकि गैंगस्टर की भी कार्रवाई की जा सके। किशोरी का अश्लील वीडियो बनाने का भी आरोप है। इसके लिए आरोपितों का मोबाइल भी जांच के लिए भेजा जाएगा।
प्रकरण ने राजनीतिक रंग ले लिया है। रविवार को भाजपा का प्रतिनिधिमंडल अयोध्या गया था, तो सोमवार को कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल भी पीड़ित परिवार से मिला। पीड़िता की मां ने सपा के नेताओं पर सुलह के लिए धमकाने और प्रलोभन देने का आरोप लगाया था, जिसके बाद दो सपा नेताओं पर शनिवार को मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया। उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस के संस्थापक निदेशक डा. जीके गोस्वामी ने बताया कि डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट आने की अवधि जांच की प्रकृति पर निर्भर करती है। कपड़ों, बाल या घटनास्थल से एकत्र नमूनों के मिलान में कुछ समय लगता है, लेकिन इस प्रकरण में पीड़िता, भ्रूण और आरोपितों का नमूना लिया जाएगा। इसकी जांच रिपोर्ट आने में तीन से चार दिन लगते हैं।
इस दुखद और संवेदनशील घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना केवल न्याय व्यवस्था की कसौटी पर खरा उतरने का ही नहीं बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने का भी एक अवसर है। अब सबकी निगाहें इस मामले पर टिकी हैं, और उम्मीद की जा रही है कि न्यायपालिका और प्रशासन मिलकर इस पीड़िता को न्याय दिलाएंगे।