दैनिक इंडिया न्यूज़,लखनऊ: उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप पेयजल आपूर्ति योजनाओं के संचालन और अनुरक्षण के लिए नई नीति ‘उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप पेयजल योजनाओं की संचालन एवं अनुरक्षण नीति-2024’ को मंजूरी दे दी है। यह नीति 2015 में लागू ‘उत्तर प्रदेश ग्रामीण पेयजल पाइप जलापूर्ति योजनाओं के लिए संचालन एवं अनुरक्षण नीति-2015’ का स्थान लेगी। इसके अलावा, नीति में आवश्यक संशोधन की स्थिति में मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 2015 में शासनादेश संख्या-111/अड़तीस-5-2015-36 सम/2013, दिनांक 09 फरवरी, 2015 के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप पेयजल योजनाओं के संचालन और अनुरक्षण के लिए नीति जारी की थी। हालांकि, 2019 में भारत सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम को जल जीवन मिशन के तहत समाहित करते हुए ‘जल जीवन मिशन’ का शुभारंभ किया। साथ ही, 2017-18 से भारत सरकार ने पाइप पेयजल योजनाओं के संचालन और अनुरक्षण हेतु दी जाने वाली 15 प्रतिशत धनराशि की व्यवस्था समाप्त कर दी।
नई नीति के तहत, ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत संचालित पाइप पेयजल योजनाओं और उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण) द्वारा पहले से संचालित एवं अनुरक्षित योजनाओं के संचालन और अनुरक्षण हेतु राज्य वित्त आयोग/राज्य बजट से आवश्यक धनराशि की व्यवस्था की जाएगी।
इस नीति के कार्यान्वयन से उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप पेयजल योजनाओं को निर्धारित मानकों के अनुसार संचालित करते हुए ग्रामवासियों को स्वच्छ पेयजल की सतत और पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।