नए कानून समाज की समकालीन चुनौतियों का समाधान: ओम बिरला
लोकतंत्र में जनता का विश्वास बढ़ता जा रहा है, कानून व्यवस्था को लेकर भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता बरकरार: ओम बिरला
दैनिक इंडिया न्यूज़,नई दिल्ली, 5 नवंबर 2024: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज तीन नए आपराधिक कानूनों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इन्हें सदन और स्थायी समिति में व्यापक विचार-विमर्श और जनभागीदारी के बाद पारित किया गया है। संसद भवन परिसर में संवैधानिक तथा संसदीय अध्ययन संस्थान (आईसीपीएस) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में 83 दूतावासों के 135 राजनयिकों को संबोधित करते हुए श्री बिरला ने इन नए कानूनों की आवश्यकता और उनके समकालीन समाज की चुनौतियों का समाधान करने की क्षमता पर विचार साझा किया।
उन्होंने कहा कि तकनीकी विकास और अपराधों के बदलते स्वरूप को ध्यान में रखते हुए इन कानूनों का निर्माण किया गया है। श्री बिरला ने भारत की कानूनी प्रणाली में जनता के बढ़ते विश्वास का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले 75 वर्षों में इस विश्वास में निरंतर वृद्धि हुई है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों और शासन की बढ़ती जवाबदेही का प्रतीक है।
श्री बिरला ने राजनयिकों को सुझाव दिया कि वे भारत के कानूनी ढांचे, संसद की कार्यवाही, और लोकतांत्रिक व्यवस्था की गहरी समझ बनाए रखें। उन्होंने कहा कि इस तरह की समझ राजनयिक दक्षता और राष्ट्रों के बीच आपसी समझ को और भी सशक्त बनाती है।
लोकसभा अध्यक्ष ने भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय कानून सदैव मानवाधिकारों का प्रबल पक्षधर रहा है। उन्होंने बताया कि लैंगिक समानता, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक कल्याण से संबंधित नीतियों के माध्यम से भारतीय कानून सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण साधन बन चुके हैं। उन्होंने भारतीय आर्बिट्रेशन प्रणाली की भी प्रशंसा की और इसे प्राचीन भारतीय विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया।
इस कार्यक्रम में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश यू.यू. ललित ने भी राजनयिकों को संबोधित किया, जिससे इस आयोजन की गरिमा और बढ़ी।