दैनिक इंडिया न्यूज़, नई दिल्लीः रविवार सुबह यमुना एक्सप्रेसवे पर हुआ हादसा हर किसी के दिल को झकझोर देने वाला था। यह हादसा किसी आम परिवार का नहीं, बल्कि आध्यात्मिक जगत में अपार श्रद्धा और आस्था के प्रतीक जगद्गुरु कृपालु जी महाराज के परिवार का था। भक्ति धाम मनगढ़ कुंडा और प्रेम मंदिर वृंदावन जैसे पवित्र स्थलों के संस्थापक कृपालु जी महाराज की तीन बेटियां—डॉ. विशाखा त्रिपाठी, डॉ. श्यामा त्रिपाठी, और डॉ. कृष्णा त्रिपाठी—सिंगापुर जाने के लिए जेवर एयरपोर्ट जा रही थीं, जब उनकी गाड़ी को एक तेज रफ्तार डंपर ने जोरदार टक्कर मार दी।
डॉ. विशाखा त्रिपाठी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। 65 वर्ष की विशाखा जी को सिर्फ कृपालु महाराज की बेटी के रूप में नहीं, बल्कि उनकी आध्यात्मिक विरासत को आगे बढ़ाने वाली एक सशक्त व्यक्तित्व के रूप में जाना जाता था। उनका यूं अचानक चले जाना न केवल परिवार के लिए, बल्कि लाखों अनुयायियों के लिए अपूरणीय क्षति है।
भावुक कर देने वाला मंजर
हादसा इतना भयानक था कि मौके पर हर कोई स्तब्ध रह गया। क्षतिग्रस्त गाड़ियों से बाहर निकाले गए घायलों को तुरंत पास के अस्पताल में ले जाया गया। डॉ. श्यामा और डॉ. कृष्णा त्रिपाठी की हालत गंभीर बनी हुई है। उनकी सलामती के लिए देश-विदेश में भक्तगण प्रार्थना कर रहे हैं।
विशाखा जी का जीवन और योगदान
डॉ. विशाखा त्रिपाठी ने अपने जीवन को भक्ति और सेवा के लिए समर्पित किया। उन्होंने प्रेम मंदिर और भक्ति धाम के माध्यम से न केवल धर्म का प्रचार-प्रसार किया, बल्कि लाखों लोगों के जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार किया। उनका हंसमुख चेहरा और समर्पण आज भी उन सभी की आंखों के सामने हैं, जो उन्हें जानते थे।
परिवार और भक्तों के लिए गहरा आघात
इस दुखद घटना ने कृपालु परिवार और उनके अनुयायियों को गहरे शोक में डाल दिया है। यह केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि भक्ति और सेवा के एक युग का अंत है। अनुयायियों के दिलों में सवाल उठ रहा है कि इतने पवित्र और धर्मनिष्ठ परिवार के साथ ऐसा क्यों हुआ?
सड़क सुरक्षा पर सवाल
हादसा थाना दनकौर क्षेत्र के 8 किलोमीटर के बोर्ड के पास हुआ। शुरुआती जांच में डंपर चालक की लापरवाही सामने आई है। प्रशासन से मांग है कि यमुना एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाएं न हों।
अनुयायियों की प्रार्थना
आज पूरे विश्व में कृपालु महाराज के अनुयायी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। वे डॉ. विशाखा त्रिपाठी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं। यह घटना हर किसी के दिल को छू गई है और एक बार फिर जीवन की अनिश्चितता का एहसास करा गई है।
आंसुओं में डूबा आध्यात्मिक परिवार
कृपालु परिवार और उनके भक्तों के लिए यह समय अत्यंत कठिन है। डॉ. विशाखा त्रिपाठी की यादें हमेशा उन सभी के दिलों में रहेंगी, जिन पर उन्होंने अपने प्रेम और सेवा का अमिट प्रभाव छोड़ा है।