दैनिक इंडिया न्यूज़, लखनऊ ।मुख्यमंत्री ने कहा कि अमेरिका और यूरोप में एक किलो आम का मूल्य लगभग एक हजार रुपये है।
एक किसान ने बताया कि वह हरी मिर्च का उत्पादन इसलिए कर रहा है क्योंकि यूरोप में पेस्टिसाइड और केमिकल मुक्त हरी मिर्च की मांग अधिक है। यदि हम गोमूत्र और गोबर से बने जीवामृत के माध्यम से प्राकृतिक खेती करेंगे, तो यह न केवल गोमाता बल्कि धरती माता की भी रक्षा करेगा।
कृषिका कार्यक्रम का भी यही उद्देश्य है — किसानों की आय बढ़ाना और धरती के स्वास्थ्य को संरक्षित रखना। धरती स्वस्थ रहेगी, तो मानव समाज भी सुरक्षित और स्वस्थ रहेगा। यह वेदों का उद्घोष है: “माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः” — अर्थात्, पृथ्वी हमारी माता है और हम उसके पुत्र हैं।
मुख्यमंत्री ने अमर उजाला की सराहना करते हुए कहा कि यह मीडिया संस्थान रचनात्मक कार्यों और सामाजिक अभियानों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता है।
कृषि के क्षेत्र में भी अमर उजाला अनेक सकारात्मक अभियान चला रहा है। स्वर्गीय अतुल महेश्वरी छात्रवृत्ति योजना के माध्यम से प्रदेश के मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे स्पष्ट होता है कि अमर उजाला केवल कमियां उजागर करने की पत्रकारिता नहीं करता, बल्कि समाज की प्रगति में सक्रिय भागीदारी निभा रहा है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, लेकिन यदि सभी लोग मिलकर देश और समाज के लिए कार्य करेंगे, तो परिणाम और बेहतर होंगे। कृषिका कार्यक्रम में कृषि विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के 12 करोड़ किसानों को जोड़ा गया है। उत्तर प्रदेश में 2.62 करोड़ किसान इस योजना का लाभ ले रहे हैं और हर साल 6 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्राप्त कर रहे हैं। सरकार का प्रयास है कि किसान को किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े।
इस अवसर पर पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह ओलख, आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय, अयोध्या के कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह, चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय, कानपुर के कुलपति डॉ. आनंद कुमार सिंह, उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. संजय सिंह, गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता, अमर उजाला के संपादक विजय त्रिपाठी, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, सूचना निदेशक शिशिर, किसान और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।