उत्तर प्रदेश की प्रगति और 2025 प्रयागराज महाकुंभ का भव्य आमंत्रण

उत्तर प्रदेश: नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर

उत्तर प्रदेश विकास के पथ पर नई इबारत लिख रहा है। प्रदेश में वर्तमान में 04 इंटरनेशनल एयरपोर्ट संचालित हैं, और आगामी अप्रैल में गौतमबुद्धनगर के जेवर में एशिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का शुभारंभ होने जा रहा है। यह एयरपोर्ट प्रदेश को देश के सबसे बड़े लॉजिस्टिक हब के रूप में स्थापित करेगा। उत्तर प्रदेश में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तेजी से विकास के साथ ही एयर कनेक्टिविटी और देश का पहला इनलैंड वॉटरवे भी यहां मौजूद है।

प्रदेश में मेट्रो रेल का सबसे बड़ा नेटवर्क संचालित है और देश की पहली रैपिड रेल सेवा भी यहीं से शुरू की गई। उत्तर प्रदेश भारत के ग्रोथ इंजन के रूप में उभरते हुए 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने की दिशा में अग्रसर है। वर्ष 2012-2017 के बीच प्रदेश की जीडीपी मात्र 12.30 लाख करोड़ रुपये से 13 लाख करोड़ रुपये थी, जो मार्च 2025 तक 32 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।

2025 का प्रयागराज महाकुंभ: आस्था और विकास का समागम

प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत’ के विजन को मिशन के रूप में अपनाया है। इसी कड़ी में 13 जनवरी 2025 से मार्च 2025 तक प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा। इस महाकुंभ में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। कुम्भ के लिए 10,000 एकड़ में भव्य विस्तार किया गया है और प्रयागराज शहर का संपूर्ण कायाकल्प कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने स्वामी विज्ञानानंद, वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फोरम, और राष्ट्रीय सनातन महासंघ के पदाधिकारियों को विशेष रूप से आमंत्रित करते हुए कहा कि यह आयोजन विरासत और विकास का अद्भुत समन्वय होगा। इस आयोजन में स्वच्छता, सुरक्षा, और सुव्यवस्था के नए मानक स्थापित किए जाएंगे।

हिंदू अर्थव्यवस्था पर चर्चा का मंच

महाकुंभ के अवसर पर हिंदू अर्थव्यवस्था पर व्यापक चर्चा की जाएगी। यह आयोजन सनातन धर्म की महिमा, भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण की ऐतिहासिकता, और भारत की सांस्कृतिक विरासत को विश्व मंच पर स्थापित करने का अवसर प्रदान करेगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फोरम, राष्ट्रीय सनातन महासंघ, और अन्य प्रमुख संगठनों के अधिकारी इस आयोजन में शामिल होंगे। राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह की उपस्थिति में सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार और संरक्षण पर महत्वपूर्ण विचार-विमर्श किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ 2025 में आस्था और आधुनिकता का प्रतीक बनेगा और दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक सांस्कृतिक समागम को भव्यता प्रदान करेगा।

उत्तर प्रदेश की यह विकास यात्रा और महाकुंभ का दिव्य आयोजन, भारत को ‘विकसित राष्ट्र’ बनाने के संकल्प की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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