होली मिलन समारोह में गूंजे सनातन चेतना के स्वर

राष्ट्रीय सनातन महासंघ और संस्कृतभारतीन्यास के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम

दैनिक इंडिया न्यूज़ ,लखनऊ। महानगर आई पार्क में रविवार को संस्कृतभारतीन्यास और राष्ट्रीय सनातन महासंघ के संयुक्त तत्वावधान में भव्य होली मिलन समारोह का आयोजन हुआ।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय सनातन महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह ने की। समारोह में सनातन संस्कृति को जीवंत और जागृत करने वाली विभूतियों ने भाग लिया और राष्ट्र को संबोधित किया।

कार्यक्रम में वक्ताओं ने होली को मात्र रंगों का पर्व न मानकर, इसे आध्यात्मिक चेतना जागृत करने का माध्यम बताया। जितेंद्र प्रताप सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा, “होली केवल एक सामाजिक पर्व नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धिकरण और समाज में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित करने का माध्यम भी है। यह पर्व हमें राग-द्वेष से मुक्त होकर धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।”

इस अवसर पर सहभागी प्रमोद पंडित क्षेत्रीय संगठन मंत्री संस्कृतभारती पूर्व क्षेत्र, चिन्मयानन्द आश्रम के स्वामी कौशिक जी महराज ने सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि होली का महत्व केवल आनंदोत्सव तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज को जागृत करने का भी एक सशक्त माध्यम है। विभिन्न विद्वानों और धर्माचार्यों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज के समय में सनातन संस्कृति की रक्षा और प्रचार-प्रसार अत्यंत आवश्यक है।

कार्यक्रम में उपस्थित विद्वानों ने “सत्यमेव जयते” और “धर्मो रक्षति रक्षितः” जैसे श्लोकों का उल्लेख करते हुए बताया कि होली का मूल उद्देश्य सत्य और धर्म की स्थापना करना है। साथ ही, उन्होंने युवाओं को सनातन संस्कृति से जुड़ने और आध्यात्मिक मूल्यों को अपने जीवन में अपनाने का आह्वान किया।

इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह ने पारंपरिक होली गीतों और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ वातावरण को भक्तिमय बना दिया। कार्यक्रम के अंत में सभी ने प्रेम और सौहार्द का परिचय देते हुए एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाया और सनातन धर्म की समृद्धि के लिए संकल्प लिया।

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