युवाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भागीदार बनना चाहिए: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

एलपीयू में “वन इंडिया, वन वर्ल्ड” थीम पर बोले लोकसभा अध्यक्ष — शिक्षा, नवाचार और वैश्विक नेतृत्व को बताया भारत की युवा शक्ति का आधार


2047 के विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने के लिए युवाओं को प्रेरित किया गया

गुलाब सिंह ,दैनिक इंडिया न्यूज़/नई दिल्ली, 22 अप्रैल 2025: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू), पंजाब में आयोजित “वन इंडिया, वन वर्ल्ड” विषयक वार्षिक महोत्सव और स्टडी ग्रांट पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए युवाओं से आह्वान किया कि वे सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सक्रिय भागीदार बनें। उन्होंने राष्ट्र निर्माण, नवाचार, वैश्विक नेतृत्व, लोकतंत्र, कानून-निर्माण और तकनीकी उन्नयन जैसे क्षेत्रों में युवाओं की भूमिका को निर्णायक बताया।

ओम बिरला ने कहा कि आज के भारतीय युवा प्रौद्योगिकी, शिक्षा, शासन और उद्यमिता के क्षेत्र में उत्कृष्टता का प्रतीक बन चुके हैं। उन्होंने कहा, “भारतीय छात्र नवाचार, विविधता और वैश्विक नेतृत्व की भावना का प्रतिनिधित्व करते हैं। समर्पण, रचनात्मकता और सेवा की भावना के साथ हमारे युवा भारत को वैश्विक आदर्श बना सकते हैं।”

अध्यक्ष महोदय ने शिक्षा के क्षेत्र में परंपरा और आधुनिक नवाचार के सामंजस्यपूर्ण समावेश की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि “प्राचीन भारतीय शैक्षिक परंपराओं में निहित शाश्वत मूल्यों को विज्ञान, तकनीक और समसामयिक ज्ञान के साथ एकीकृत कर भविष्य के लिए तैयार नागरिकों का निर्माण करना अनिवार्य है।”

उन्होंने शिक्षा को केवल रोजगार तक सीमित न रखते हुए इसे सामाजिक चेतना, सांस्कृतिक विरासत और वैश्विक दृष्टि से समृद्ध बनाने की बात कही। ओम बिरला ने युवाओं में राष्ट्रीय पहचान, सामाजिक प्रतिबद्धता और वैश्विक दृष्टिकोण के समन्वय को भारत की सशक्त भूमिका के लिए आवश्यक बताया।

एलपीयू की प्रशंसा करते हुए उन्होंने इसे भारत की सांस्कृतिक विविधता और “वसुधैव कुटुम्बकम” की भावना का उत्कृष्ट उदाहरण बताया। उन्होंने कहा, “एलपीयू न केवल भारत के हर कोने से आए छात्रों को एक साथ जोड़ता है, बल्कि 50 से अधिक देशों के छात्र भी यहां मैत्रीपूर्ण वातावरण में अध्ययन कर रहे हैं, जो भारत की वैश्विक सोच को परिलक्षित करता है।”

लोकसभा अध्यक्ष ने “वन इंडिया, वन वर्ल्ड” जैसे आयोजनों को वैश्विक नागरिकता की भावना को बढ़ावा देने वाला बताया। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे सीमाओं से ऊपर उठकर सोचें, और ऐसे वैश्विक नागरिक बनें जो दिल से भारतीय हों।

अपने संबोधन के अंत में ओम बिरला ने ‘विकसित भारत 2047’ की परिकल्पना को साझा करते हुए कहा कि “हम एक ऐसे भारत का निर्माण करें जो न्यायपूर्ण, समावेशी, करुणामयी और ज्ञानवान हो। एक ऐसा भारत जो विश्व कल्याण में नेतृत्व करे।”

इस कार्यक्रम में 50 से अधिक देशों के छात्रों सहित हज़ारों विद्यार्थी, संकाय सदस्य और शिक्षाविद उपस्थित थे। लोकसभा अध्यक्ष ने सभी स्नातकों को शुभकामनाएं दीं और उन्हें अनुशासन, एकता और उत्कृष्टता के साथ अपने करियर की शुरुआत करने के लिए प्रेरित किया।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल समेत कई गणमान्य अतिथि भी मौजूद रहे।

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