
दैनिक इंडिया न्यूज़ ,लखनऊ, 28 अप्रैल — राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह ने अक्षय तृतीया तथा भगवान परशुराम जयंती के पावन अवसर पर समस्त राष्ट्रवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं मंगलमय आशीर्वाद प्रदान किया है।
अपने शुभकामना संदेश में जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि अक्षय तृतीया सनातन संस्कृति की एक अत्यंत पुण्य एवं सिद्ध तिथि है, जिसे युगों-युगों से श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाया जाता रहा है। उन्होंने कहा:
“अक्षय्यं फलमाप्नोति धर्मकर्मसमन्वितः।
अक्षय्यं सुखसंपत्तिं तस्मादेतत्सदा caret्॥”
(जो अक्षय तृतीया के दिन धर्म और पुण्य कार्य करता है, वह अक्षय फल, सुख और संपत्ति प्राप्त करता है।)
उन्होंने बताया कि भगवान विष्णु, जो समस्त सृष्टि के संरक्षक हैं, इस तिथि को विशेष कृपा प्रदान करते हैं। अक्षय तृतीया के दिन भगवान लक्ष्मीनारायण की विशेष पूजा कर जीवन में समृद्धि, वैभव और शांति का आह्वान किया जाता है। यह तिथि सभी शुभ एवं मांगलिक कार्यों के लिए अत्यंत श्रेष्ठ मानी जाती है।
जितेंद्र प्रताप सिंह ने भगवान परशुराम जयंती का उल्लेख करते हुए कहा कि भगवान परशुराम ने धर्म और न्याय की स्थापना के लिए अनथक प्रयास किए। उन्होंने कहा:
“धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः।
तस्माद्धर्मो न हन्तव्यः मा नो धर्मो हतोऽवधीत्॥”
(धर्म का नाश करने वाला स्वयं नष्ट हो जाता है, और जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है। इसलिए धर्म का कभी परित्याग नहीं करना चाहिए।)
उन्होंने यह भी कहा कि धर्म और न्याय के मार्ग का अनुसरण करके ही समस्त राष्ट्र को समृद्धि, सुरक्षा और वैभव के पथ पर अग्रसर किया जा सकता है।
अंत में, जितेंद्र प्रताप सिंह ने देशवासियों का आह्वान किया कि वे इस पावन अवसर पर धर्म, सत्य और न्याय के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाते हुए लोककल्याण और राष्ट्र निर्माण के लिए संकल्पित हों। उन्होंने कहा:
“सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत्॥”
(सभी सुखी हों, सभी निरोग हों, सभी मंगलदर्शी हों, और कोई भी दुःख का भागी न बने।)