
रिजर्व पुलिस लाइन्स में मॉक ड्रिल कार्यक्रम का भव्य आयोजन, मुख्यमंत्री ने किया अवलोकन, सेना की वीरता को किया नमन

नागरिक सुरक्षा ही राष्ट्रीय सुरक्षा की पहली दीवार, भारत माता के सच्चे सपूत बनें हर नागरिक: योगी आदित्यनाथ


हरेन्द्र सिंह दैनिक इंडिया न्यूज़,लखनऊ। राष्ट्र की रक्षा अब केवल सीमाओं तक सीमित नहीं, बल्कि हर नागरिक की चेतना में समाहित हो चुकी है। इसका साक्षात प्रमाण तब मिला जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ स्थित रिजर्व पुलिस लाइन्स में आयोजित नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल कार्यक्रम का निरीक्षण करते हुए देश के वीर जवानों को नमन किया और भारत की सुरक्षा के लिए जनता से सजग प्रहरी बनने की अपील की।


मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि भारत की तीनों सेनाओं ने कल रात पहलगाम में हुई आतंकी कायरता का जिस वीरता से जवाब दिया है, वह नया भारत का परिचायक है—अब कोई आंख उठाकर नहीं देख सकता। उन्होंने इस सफल जवाबी कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, देश की सेनाओं, रक्षा मंत्री और सुरक्षा एजेंसियों का आभार प्रकट किया।

“ऑपरेशन सिंदूर”—हर बहन-बेटी के सम्मान का उत्तर

मुख्यमंत्री ने आतंकियों को करारा जवाब देने वाली कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की संज्ञा देते हुए कहा, “यह उन बेटियों के सम्मान की रक्षा का संकल्प है, जिनका सिंदूर आतंकियों ने छीनने की नापाक कोशिश की थी। अब उनके घरों में मातम पसरा है और हमारे भारत की हर बेटी के चेहरे पर आत्मविश्वास। यही है नया भारत, यही है नरेंद्र मोदी का भारत।”

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हम आतंक की हर गोली का उत्तर गोले से देंगे। अब कोई कमजोर प्रधानमंत्री नहीं है जो मौन रह जाए, हमारे पास वह नेतृत्व है जो आँख में आँख डालकर जवाब देता है।”

मॉक ड्रिल: सिर्फ अभ्यास नहीं, यह राष्ट्र रक्षा की जनक्रांति है


इस अवसर पर पूरे दिन उत्तर प्रदेश सहित देशभर में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आपात स्थिति में आम नागरिक की भूमिका निर्णायक होती है। एनडीआरएफ, सिविल डिफेंस, होम गार्ड, एसडीआरएफ, एनसीसी, एनएसएस और स्काउट-गाइड जैसे संगठनों ने इस मॉक ड्रिल में बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किए, लेकिन इससे आगे बढ़कर अब हर नागरिक को स्वयं को “आपदा मित्र” के रूप में तैयार करना होगा।
उन्होंने कहा कि जब देश की सीमाएं रक्तरंजित हों और अंदरूनी सुरक्षा खतरे में हो, तब हर नागरिक का पहला धर्म “राष्ट्र प्रथम” होना चाहिए। यह मॉक ड्रिल केवल प्रशिक्षण नहीं, बल्कि हर नागरिक के भीतर छिपे भारत माता के सपूत को जागृत करने का अभियान है।
नागरिकों को किया जागरूक: “हर संदेहास्पद गतिविधि पर पैनी नजर रखें”
मुख्यमंत्री ने नागरिकों से आह्वान किया कि वे केवल दर्शक न बनें, बल्कि देश की सुरक्षा के भागीदार बनें। “हमें सजग और सतर्क रहना होगा, अपने मोहल्लों, गाँवों, स्कूलों, दफ्तरों और बाजारों में होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखनी होगी। देश की सुरक्षा में सेंध लगाने वाला कोई भी दुस्साहसी तत्व हमारे संकल्प के सामने टिक न पाए, इसके लिए हमें मानसिक और व्यावहारिक रूप से तैयार रहना होगा।”
देश की अस्मिता से खिलवाड़ नहीं करने देंगे—जनता और सेना एकजुट
मुख्यमंत्री ने अपने ओजस्वी भाषण में कहा कि अब समय आ गया है कि हम महज दर्शक न रहें, बल्कि भारत माता के “सशस्त्र विचारक” बनें। “अगर कोई राष्ट्र की अस्मिता से खिलवाड़ करता है, तो उसका जवाब केवल सेना ही नहीं, देश का हर नागरिक देगा। हम भारत की आन-बान-शान के लिए प्राण तक देने को तैयार हैं।”
उन्होंने कहा कि जो लोग भारत माता की एकता पर प्रश्नचिह्न लगाते हैं, उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि यह 1947 या 1962 का भारत नहीं, यह 2025 का भारत है—जिसके हाथ में तिरंगा और सीने में प्रचंड गर्जना है।