बिहार चुनाव में प्रवासी बिहारियों की होगी निर्णायक भूमिका: प्रभुनाथ राय

भोजपुरी समाज ने छठ महापर्व पर बिहार लौटने की अपील की, भाजपा को मजबूत करने की तैयारी तेज़

दैनिक इंडिया न्यूज़,पटना/नई दिल्ली, 27 जून —
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भाजपा नेता प्रभुनाथ राय ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि इस बार चुनाव में लगभग तीन करोड़ प्रवासी बिहारी निर्णायक भूमिका निभाएंगे। इसके लिए उन्होंने देशभर में फैले प्रवासी बिहारियों से सीधा संपर्क अभियान तेज कर दिया है।

प्रभुनाथ राय ने सभी पदाधिकारियों को युद्धस्तर पर कार्य करने का निर्देश देते हुए कहा कि इस बार सभी प्रवासी बिहारी छठ महापर्व अपने गांव बिहार में ही मनाएं। उन्होंने कहा, “छठ बिहार की सांस्कृतिक पहचान है। यह पर्व बिहार से शुरू होकर पूरी दुनिया में फैल चुका है, और इसका उत्सव प्रवासी बिहारियों के माध्यम से ही वैश्विक स्वरूप ले चुका है।”

इस वर्ष छठ महापर्व 28 अक्टूबर को मनाया जाएगा और लगभग उसी समय बिहार चुनाव की संभावना है। ऐसे में प्रवासी बिहारी यदि अपने गांव लौटते हैं तो मतदान में भारी प्रभाव डाल सकते हैं।

प्रभुनाथ राय ने याद दिलाया कि मारीशस, फिजी, सूरीनाम, गुयाना, त्रिनिदाद जैसे देशों में आज भी बड़ी संख्या में गिरमिटिया मूल के बिहारी रहते हैं, जिनके पूर्वज बिहार से गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इन देशों की यात्रा और वहां के लोगों से संवाद को उन्होंने प्रवासी गौरव का प्रतीक बताया।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के आने से पहले प्रवासी उत्तर भारतीयों को कई राज्यों में अपमान और उत्पीड़न झेलना पड़ता था, परंतु अब स्थिति बदली है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने उत्तर भारतीयों के सम्मान और छठ पर्व को राज्यस्तरीय मान्यता दी। लक्ष्मण मेला मैदान पर आयोजित भोजपुरी समाज के छठ कार्यक्रम में योगी जी की उपस्थिति इस सम्मान का प्रतीक है।

प्रभुनाथ राय ने पूर्ववर्ती सरकारों पर पूर्वांचल की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि अब योगी सरकार में पूर्वांचल का तेज़ विकास हो रहा है और वहां के लोग सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

लगभग 40 वर्षों से भोजपुरी समाज और संस्कृति के उन्नयन में लगे प्रभुनाथ राय ने भोजपुरी को संवैधानिक दर्जा, छठ पर्व पर राष्ट्रीय अवकाश और पूर्वांचल के युवाओं के लिए रोजगार की मांग को लेकर अपने निरंतर संघर्ष की बात दोहराई।

उन्होंने अंत में अपील की कि सभी प्रवासी बिहारी इस बार छठ के बहाने गांव लौटें और बिहार को स्थिर, सुरक्षित और सशक्त नेतृत्व दें।

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