
विकास में सुस्ती बर्दाश्त नहीं, नवाचार को बनाएं मॉडल
दैनिक इंडिया न्यूज़,लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को स्पष्ट शब्दों में कहा कि आकांक्षात्मक विकासखंड और जनपद सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं, और इन क्षेत्रों में कामचोरी, रिक्त पदों या निरीक्षणों में कोताही की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कहा कि जनभागीदारी, नवाचार, पारदर्शिता और समयबद्ध क्रियान्वयन ही इन क्षेत्रों में बदलाव का मूल मंत्र है।
अपने सरकारी आवास पर आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में सीएम योगी ने 8 आकांक्षात्मक जिलों – बहराइच, बलरामपुर, चन्दौली, चित्रकूट, फतेहपुर, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र और श्रावस्ती – में वरिष्ठ अधिकारियों के फील्ड विजिट पर आधारित रिपोर्ट की समीक्षा की।
रिपोर्ट में बताया गया कि 108 आकांक्षात्मक ब्लॉकों में कुल 272 विद्यालय, 301 आंगनबाड़ी केंद्र, 232 स्वास्थ्य इकाइयां, 229 ग्राम सचिवालय और 275 अन्य संस्थान निरीक्षण में शामिल हुए। 497 एफपीओ और 6,595 बीसी सखियां जमीनी स्तर पर सक्रिय हैं।
मुख्यमंत्री ने माँ पाटेश्वरी पुनर्वास योजना (बलरामपुर), कॉमन सर्विस सेंटर (चित्रकूट), और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर (फतेहपुर) जैसे नवाचारों की विशेष सराहना की। महोबा के कबरई में ग्रामीण पर्यटन के साथ जैविक कृषि और बायोगैस संयंत्र की योजना, बलिया में ऑर्गेनिक नींबू उत्पादन और बाराबंकी में महिला समूह द्वारा चलाए जा रहे ब्यूटी पार्लर की लोकल इनोवेशन को भी मॉडल के तौर पर प्रचारित करने को कहा।
सीएम योगी ने कहा कि “जिन क्षेत्रों में नवाचारों से नतीजे दिखे हैं, उनकी कार्यप्रणाली को अन्य स्थानों पर दोहराया जाए।” उन्होंने सभी विभागों को चेतावनी देते हुए कहा कि “इन क्षेत्रों में किसी भी प्रमुख पद पर रिक्ति स्वीकार नहीं की जाएगी। जहां पद खाली हैं, वहां तत्काल नियुक्ति की जाए।”
साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि “द्वितीय प्रभार सौंपते समय ध्यान रखा जाए कि संबंधित अधिकारी दोनों स्थानों पर व्यावहारिक रूप से उपस्थित रह सके।”
अंत में उन्होंने डेटा आधारित गहन निगरानी, स्थलीय निरीक्षण और जनसंवेदनशील योजनाओं को जमीनी हकीकत में बदलने पर जोर देते हुए कहा –
“विकास में शिथिलता या बहानेबाजी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”