
दैनिक इंडिया न्यूज़,लखनऊ, 18 अक्तूबर:राष्ट्रीय सनातन महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जितेन्द्र प्रताप सिंह ने समस्त देशवासियों को धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि यह पावन पर्व केवल धन-संपदा का प्रतीक नहीं, बल्कि आरोग्य, आयुर्वेद और देवोपासना का उत्सव है। भगवान धनवंतरि के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाने वाला यह पर्व हमें स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और जीवन की सच्ची संपन्नता की प्रेरणा देता है।
श्री सिंह ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि भगवान धनवंतरि ने मानव समाज को अमृत स्वरूप आयुर्वेद प्रदान कर यह संदेश दिया कि सच्चा धन सोना-चाँदी नहीं, बल्कि स्वस्थ तन और संतुलित मन है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में वैद्यजन धनतेरस के दिन औषधियों और जड़ी-बूटियों का पूजन करते थे ताकि वे रोगियों के कल्याण में अधिक प्रभावी सिद्ध हों। यह परंपरा हमारे सनातन ज्ञान और चिकित्सा संस्कृति की गहराई को दर्शाती है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह भी कहा कि आज के आधुनिक युग में जब भौतिक सुविधाएँ बढ़ रही हैं, तब भी हमें अपने आरोग्य और प्रकृति से जुड़ी चिकित्सा पद्धतियों का सम्मान बनाए रखना चाहिए। आयुर्वेद, योग और संतुलित आहार हमारी संस्कृति की अनमोल धरोहर हैं, जिनका संरक्षण हर भारतीय का कर्तव्य है।
अंत में श्री सिंह ने देशवासियों से आह्वान किया कि इस धनतेरस पर हम सब न केवल अपने घरों में दीप प्रज्वलित करें, बल्कि अपने जीवन में भी आरोग्य, संयम और सेवा का दीप जलाएँ। भगवान धनवंतरि की कृपा से प्रत्येक घर में स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि का वास हो।