सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने किया श्रद्धांजलि अर्पित, “रन फॉर यूनिटी” से दी राष्ट्रीय एकता की प्रेरणा

दैनिक इंडिया न्यूज़, मऊ।लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने आज मऊ में श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके योगदान को याद किया। मंत्री शर्मा ने बलिया मोड़ स्थित सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, अधिकारी, सामाजिक संगठन के पदाधिकारी और नागरिक उपस्थित रहे।

इसके उपरांत मंत्री ए.के. शर्मा ने डॉ. भीमराव अंबेडकर स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित “रन फॉर यूनिटी” कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों, एनसीसी कैडेट्स, स्काउट्स, स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्यों और नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। दौड़ के माध्यम से एकता, अखंडता और भाईचारे का सशक्त संदेश दिया गया।

अपने प्रेरक संबोधन में मंत्री ए.के. शर्मा ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने स्वतंत्र भारत के निर्माण में अद्वितीय भूमिका निभाई। उन्होंने आज़ादी के बाद 563 रियासतों को एक सूत्र में पिरोकर अखंड भारत की नींव रखी। उन्होंने कहा, “अगर सरदार पटेल न होते तो आज का भारत इस स्वरूप में नहीं होता।”

मंत्री शर्मा ने सरदार पटेल को राष्ट्र की एकता, दृढ़ इच्छा शक्ति और राष्ट्रनिष्ठा का प्रतीक बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” का संकल्प सरदार पटेल के सपनों को साकार करने की दिशा में एक कदम है। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा सरदार पटेल जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाए जाने के निर्णय के प्रति आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर मंत्री शर्मा ने उपस्थित जनसमूह को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई और कहा कि “हम सभी जाति, धर्म, क्षेत्र या भाषा के भेदभाव से ऊपर उठकर देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए सदैव तत्पर रहेंगे।”

कार्यक्रम में जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र, पुलिस अधीक्षक इलामारन जी, जिला पंचायत अध्यक्ष मनोज राय, पूर्व विधायक विजय राजभर, पूर्व विधायक उमेश चंद्र पांडेय, क्षेत्रीय महामंत्री सुनील गुप्ता, नगर पालिका अध्यक्ष, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, शिक्षक और छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।

“जय एकता, जय भारत” के नारों से वातावरण गूंज उठा। मंत्री शर्मा ने युवाओं से आह्वान किया कि वे सरदार पटेल के आदर्शों को जीवन में उतारकर राष्ट्र निर्माण में अपनी ऊर्जा और उत्साह का योगदान दें, क्योंकि युवा शक्ति ही भारत को विश्वगुरु बनाने की दिशा में सबसे बड़ी ताकत है।

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